विशेष (04/12/2023)
आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के अलौकिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से पूरà¥à¤£ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• मानसिक ततà¥à¤µà¥¤
"देव ऋषि" की उपाधि से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ मांगो राम की लिखी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• "मानसिक ततà¥à¤µ" आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ की ओर कदम बढ़ाने वालों के लिठअलौकिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का अदà¥à¤à¥à¤¤ ख़ज़ाना है| पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में सात अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ हैं - "संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨", "परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ और कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• मन", "संचालिक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ à¤à¤µà¤® जà¥à¤žà¤¾à¤¨", "पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ तथा मानसिक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾", "शंका समाधान या समाधान शंका", "सतà¥à¤¯ चमतà¥à¤•à¤¾à¤° असतà¥à¤¯ तथा असतà¥à¤¯ सतà¥à¤¯ के रूप में" à¤à¤µà¤® "सतà¥à¤¯ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ असतà¥à¤¯ रूप रेखा"| ‘संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ तथा जà¥à¤žà¤¾à¤¨â€™ अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में मानवीय बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, विचार और à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का बड़े ही सहज शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ किया गया है| इसमें बताया गया है कि किस तरह से आप अपने मन को साधकर अपने मन के विकारों पर नियंतà¥à¤°à¤£ पा कर विपरीत परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ अपने अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बना सकते हैं| पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में इस बात को उजागर किया गया है कि आदिकाल से चली आ रही अनेक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¤¸à¥€ हैं जो बिना किसी सूà¤à¤¬à¥‚ठके नियमों पर आधारित हैं| ये संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ à¤à¤¸à¥€ हैं जो विपरीत परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच मतà¤à¥‡à¤¦ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करती हैं| उनà¥à¤¨à¤¤ और नवीन सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के विकास हेतॠइन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में समà¥à¤šà¤¿à¤¤ बदलाव जरूरी है| पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• : मानसिक ततà¥à¤µ लेखक: मांगो राम पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤•: टू साईन पबà¥à¤²à¤¿à¤¶à¤¿à¤‚ग हॉउस "परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ और कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• मन" के माधà¥à¤¯à¤® से पाठकों को यह बताने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया गया है कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ को समयानà¥à¤¸à¤¾à¤° उचित तथा अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से होकर निकलना पड़ता है, यही वो समय होता है जब आप अपने मन को कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रख कर इन परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सामना कर पाते हैं| "संचालिक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ à¤à¤µà¤® जà¥à¤žà¤¾à¤¨" अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ में लेखक ने पाठकों को यह समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है आपके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठविचार विमरà¥à¤¶ को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ बनाने में जितना योगदान आपके शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का और जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का होता है, उतना ही योगदान बातचीत के दौरान जाहिर होने वाली à¤à¤¾à¤µ - à¤à¤‚गिमा का à¤à¥€ होता है| यह सच है कि अकà¥à¤¸à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के विचार à¤à¤• दूसरे से नहीं मिलते, परनà¥à¤¤à¥ जहां बात धरà¥à¤® की होती है, सतà¥à¤¯ की होती है, वहां विचारों का यह à¤à¥‡à¤¦ मिट जाता है| सच तो यह है कि विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ विचारों और सोच के बीच à¤à¥‚लती मनà¥à¤·à¥à¤¯ की मानसिक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ उसका पीछा नहीं छोड़ती| यही वजह है कि बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हमेशा सोचता है और हर अचà¥à¤›à¥‡-बà¥à¤°à¥‡ करà¥à¤® के दौरान à¤à¤—वान को याद करता है| ‘मानसिक ततà¥à¤µâ€™ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• हमें हमारे सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ में रही तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• यथारà¥à¤¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ चितà¥à¤°à¤£ करवाती है| मन तथा बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ की सà¥à¤²à¤à¥€ हà¥à¤ˆ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को ही संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ समà¤à¤¨à¤¾ चाहिà¤, जिससे अपनी तथा लोगों की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ की जा सके| संसार की देखरेख करने वाली शकà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤• ही है, जिसे सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® पावर कह लो या वाहे गà¥à¤°à¥‚ कहो या फिर गà¥à¤°à¥‚ कहो; वह कोई देवी-देवता नहीं, केवल à¤à¤• ताकत है| वही अनेक रूप में और वही à¤à¤• रूप में, वही सारे बà¥à¤°à¤¹à¤®à¤¾à¤‚ड की ताकत है| परंतॠउनका जो नाम à¤à¤•à¥à¤¤ रखता है या रूप मान लेता है, तो वह धारणा अनà¥à¤¸à¤¾à¤° उसके लिठवही बन जाते हैं| अलà¥à¤ª जà¥à¤žà¤¾à¤¨ में उलà¤à¥‡ हà¥à¤ ही à¤à¤—वान के नाम की गिनती करते हैं| अतः जà¥à¤žà¤¾à¤¨ संबंधी सतà¥à¤¯ बातें साधारण समठसे ऊपर की होती हैं| इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के माधà¥à¤¯à¤® से लेखक ने पाठकों को यह समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया है कि अपने पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पर पूरी तरह से à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ करने की बजाय अपने विवेक का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हà¥à¤ उन चीजों को गà¥à¤°à¤¹à¤£ करना चाहिà¤, जो पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है| à¤à¤• बार जब आप यह किताब पढ़ना शà¥à¤°à¥‚ करते हैं, तो जैसे-जैसे इसे पढ़ते हà¥à¤ आगे बढ़ते हैं आपकी सोच और विचार तरà¥à¤•à¤¸à¤‚गत होने लगते हैं| वासà¥à¤¤à¤µ में यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• हमारी परंपरागत सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को उजागर करने का काम करती है, जिससे कि हम अपनी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं और विचारों को संतà¥à¤²à¤¿à¤¤ रखते हà¥à¤ à¤à¤• दूसरे की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करते हà¥à¤ ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अपनी à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और आसà¥à¤¥à¤¾ को बिना किसी पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ के जाहिर कर सकें| राजलकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¤¾à¤ ी की रिपोरà¥à¤Ÿ |
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