विशेष (01/10/2023)
अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अहिंसा दिवस, 2 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर, 2023 पर विशेष अहिंसा के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ पर बल देना होगा
अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अहिंसा दिवस पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वरà¥à¤· 2 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर को मनाया जाता है। यह दिवस सà¤à¥€ देशों और लोगों के बीच सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾, सह-असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ, शांति और खà¥à¤¶à¥€ का à¤à¤• आदरà¥à¤¶ माना जाता है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ अहिंसा à¤à¤µà¤‚ शांति को सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• बल देने वाला देश है, यहां की रतà¥à¤¨à¤—रà¥à¤à¤¾ माटी में अनेक संतपà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚, ऋषि-मनीषियों को जनà¥à¤® लिया है, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने तà¥à¤¯à¤¾à¤— à¤à¤µà¤‚ साधनामय जीवन से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को अहिंसा à¤à¤µà¤‚ शांति का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिया। à¤à¤—वान महावीर ने अहिंसा पर सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• बल दिया, अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अहिंसा दिवस की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ महावीर की अहिंसा को विशà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ बनाकर ही पायी जा सकता है। महावीर की अहिंसा में जहां संयम की पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ है वही महातà¥à¤®à¤¾ बà¥à¤¦à¥à¤§ की अहिंसा में करà¥à¤£à¤¾ है। संयम और करà¥à¤£à¤¾ की चेतना ही विशà¥à¤µ शांति à¤à¤µà¤‚ अहिंसा का आधार हो सकती है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤à¥‹à¤‚ में अतीत से चली आ रही अहिंसा की विरासत को महातà¥à¤®à¤¾ गांधी ने नया आयाम दिया, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आजादी पाने के लिये इसे सशकà¥à¤¤ हथियार के रूप में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया। अहिंसा की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ चाहता है। राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ और अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मंच से à¤à¥€ आज अहिंसा की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा पर सरà¥à¤µà¤¸à¤¹à¤®à¤¤à¤¿ बनती जा रही है, तà¤à¥€ अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अहिंसा दिवस को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤°à¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ मिली है। अहिंसा को तेजसà¥à¤µà¥€ और शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ बनाठबिना उसकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा की बात आकाश-कà¥à¤¸à¥à¤® की à¤à¤¾à¤‚ति वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ है। इसको सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने के लिठà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• परिवरà¥à¤¤à¤¨, हृदय-परिवरà¥à¤¤à¤¨ या मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤•à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— अनिवारà¥à¤¯ हैं। शांति के लिठसब कà¥à¤› हो रहा है- à¤à¤¸à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾ जा रहा है। यà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¥€ शंाति के लिà¤, सà¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ à¤à¥€ शांति के लिà¤, अशांति के जितने बीज हैं, वे सब शांति के लिà¤- यह मानसिक à¤à¥à¤•à¤¾à¤µ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ में à¤à¤• बड़ी à¤à¤‚यकर à¤à¥‚ल है। बात चले विशà¥à¤µà¤¶à¤¾à¤‚ति की और कारà¥à¤¯ हो अशांति के तो शांति कैसे संà¤à¤µ है? विशà¥à¤µà¤¶à¤¾à¤‚ति के लिठअणà¥à¤¬à¤® आवशà¥à¤¯à¤• है, यह घोषणा करने वालों ने यह नहीं सोचा कि यदि यह उनके शतà¥à¤°à¥ के पास होता तो? संसार में अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯, शोषण à¤à¤µà¤‚ अनाचार के विरूदà¥à¤§ समय-समय पर कà¥à¤°à¤¾à¤‚तियां होती रही हैं पर उनका साधन विशà¥à¤¦à¥à¤§ नहीं रहने से उनका दीरà¥à¤˜à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ परिणाम संदिगà¥à¤§ हो गया। अहिंसा है सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के साथ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानवता को ऊपर उठाने में, आतà¥à¤®à¤ªà¤¤à¤¨ से बचने में और उससे किसी को बचाने में। हिंसा अंधेरा है और अहिंसा उजाला है। आंखें बंद करके अंधेरे को नहीं देखा जा सकता। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हिंसा से अहिंसा को नहीं देखा जा सकता। विशà¥à¤µà¤¶à¤¾à¤‚ति, सह-असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¤µà¤‚ मैतà¥à¤°à¥€à¤ªà¥‚रà¥à¤£ वातावरण को देखने के लिठआंखों में अहिंसा का उजाला आंजने की अपेकà¥à¤·à¤¾ है। पृथà¥à¤µà¥€, आकाश व सागर सà¤à¥€ अशांत हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ और घृणा ने मानव समाज को विखंडित कर दिया है। यूठतो ‘अहिंसा’ का संदेश हर यà¥à¤—, हर धरà¥à¤® और हर दौर में दिया गया है, लेकिन विशà¥à¤µ यà¥à¤¦à¥à¤§ की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के बीच इसकी आज अधिक पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिकता है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ गांधी को न केवल अहिंसा और सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š मानवतावाद के अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उनके à¤à¤¾à¤µà¥à¤• पालन के लिठयाद करती है, बलà¥à¤•à¤¿ उस मानदंड के रूप में à¤à¥€ याद करती है जिसके खिलाफ हम सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• जीवन, राजनीतिक विचारों और सरकारी नीतियों में पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ और महिलाओं और हमारे साà¤à¤¾ लोगों की आशाओं और इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं का परीकà¥à¤·à¤£ करते हैं। हमें अहिंसा को अधिक पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक à¤à¤µà¤‚ कारगर बनाने के लिये महावीर की अहिंसा को जीवंत करना होगा। गांधी à¤à¥€ लिखते हैं कि ‘महावीर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ का नाम किसी à¤à¥€ सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त के लिये यदि पूजा जाता है तो वह अहिंसा ही है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• धरà¥à¤® की महतà¥à¤¤à¤¾ इसी बात में है कि उस धरà¥à¤® में अहिंसा का ततà¥à¤¤à¥à¤µ कितने पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ में है। और इस ततà¥à¤¤à¥à¤µ को यदि किसी ने अधिक-से-अधिक विकसित किया है तो वह à¤à¤—वानॠमहावीर ही थे।’ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही महावीर वाणी-अहिंसा सवà¥à¤µà¤à¥‚यखेमंकरी-विशà¥à¤µ के समसà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ करने वाली है। इस तेजोमयी अहिंसा की जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ पर जो राख आ गई, उसे दूर करने के लिठतथा अहिंसा की शकà¥à¤¤à¤¿ पर लगे जंग को उतार कर उसकी धार को तेज करने के लिठअहिंसक समाज रचना की जरूरत है। विगत अनेक माह से रूस और यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ के बीच यà¥à¤¦à¥à¤§ चल रहा है, और इस यà¥à¤¦à¥à¤§ की तमाम आशंकाओं और संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं के बीच शांति वारà¥à¤¤à¤¾ की कोशिशें लगातार निसà¥à¤¤à¥‡à¤œ होती जा रही है। इन सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने लगातार यà¥à¤¦à¥à¤§ विराम की कोशिशें की हैं, इस तरह के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में à¤à¤• बार महावीर की अहिंसा को आधार बनाया जाये तो यà¥à¤¦à¥à¤§ के बादल छंट सकते हैं। वासà¥à¤¤à¤µ में विशà¥à¤µ यà¥à¤¦à¥à¤§ की ओर बॠरही दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को अयà¥à¤¦à¥à¤§, शांति à¤à¤µà¤‚ अहिंसा के पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¾à¤£ की ज़रूरत है। और अगर ये पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¾à¤£ नहीं किया गया तो यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में धधकता उबाल सिरà¥à¤«à¤¼ यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ को ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ कई अनà¥à¤¯ देशों को अपनी चपेट में लेगा। ज़ाहिर है कि रणनीतिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ में à¤à¤• ग़हरी खामी थी जिसके कारण यह सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पैदा हà¥à¤ˆà¥¤ यह उन तà¥à¤°à¥à¤Ÿà¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ विचारों पर फिर से विचार करने का समय है। यदि à¤à¤¸à¤¾ नहीं किया जाता है, तो अकेले यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ में शांति से समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान नहीं होगा। यह आग आगे à¤à¥€ यूं ही सà¥à¤²à¤—ती रहेगी। समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ में शांति कायम करना आज संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का मà¥à¤–à¥à¤¯ लकà¥à¤·à¥à¤¯ है। संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° चारà¥à¤Ÿà¤° में à¤à¥€ इस बात का सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ उलà¥à¤²à¥‡à¤– है कि अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संघरà¥à¤· को रोकने और शांति की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विकसित करने के लिठही यूà¤à¤¨ का जनà¥à¤® हà¥à¤† है। संघरà¥à¤·, आतंक और अशांति के इस दौर में अमन की अहमियत का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करना बेहद जरूरी और पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक हो गया है। महावीर की अहिंसा की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ में मातà¥à¤° जीवहतà¥à¤¯à¤¾ ही हिंसा नहीं है, बलà¥à¤•à¤¿ किसी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ नकारातà¥à¤®à¤• सोचना à¤à¥€ हिंसा है। अहिंसा के महानायक महावीर ने जल, वृकà¥à¤· अगà¥à¤¨à¤¿, वायॠऔर मिटà¥à¤Ÿà¥€ तक में जीवतà¥à¤µ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अहिंसा की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ करते हà¥à¤ जल और वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿ के संरकà¥à¤·à¤£ का à¤à¥€ उदà¥à¤˜à¥‹à¤· किया। उनके सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों पर चलकर हमें ‘वृकà¥à¤· बचाओ संसार बचाओ’ की उकà¥à¤¤à¤¿ को अमल में लाना होगा। पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ चलने से à¤à¥‚कंप, सà¥à¤¨à¤¾à¤®à¥€, बाॠआदि पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤•à¥‹à¤ªà¥‹à¤‚ का हमें सामना करना पड़ रहा है। आज समूचा विशà¥à¤µ परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ की अपेकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤µà¤‚ हिंसा के दà¥à¤·à¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® देख रहा है। à¤à¤¸à¥‡ में à¤à¤—वान महावीर याद आते हैं, जिनका पà¥à¤°à¤®à¥à¤– सूतà¥à¤° वाकà¥à¤¯ था - जियो और जीने दो। शांति के लिठइस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की अहिंसक जीवन शैली अतà¥à¤¯à¤‚त आवशà¥à¤¯à¤• है। विशà¥à¤µ में आतंकवाद की समसà¥à¤¯à¤¾ का हल महावीर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ अहिंसा à¤à¤µà¤‚ अनेकांत के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों में ढूंà¥à¤¾ जा सकता है। à¤à¤—वान महावीर के 2550वां निरà¥à¤µà¤¾à¤£ महोतà¥à¤¸à¤µ हम अगाध शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾-आसà¥à¤¥à¤¾ के साथ जरूर मनाà¤à¤‚, पर उनके उपदेशों को अपने जीवन में à¤à¥€ उतारें। महावीर की शिकà¥à¤·à¤¾ का मूल अहिंसा है। जैन धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤‚थों में अहिंसा को ‘धमà¥à¤®à¥‹ मंगल मà¥à¤•à¥à¤•à¤¿à¤Ÿà¥à¤ ं’ के रूप में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ किया गया है, जो सबसे शà¥à¤ और सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š धरà¥à¤® है। महावीर ने अनेकांत के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वैचारिक अहिंसा को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया। अनेकांत के माधà¥à¤¯à¤® से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मानव जाति को पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¥‹à¤§ दिया कि सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को समà¤à¤¨à¥‡ के साथ दूसरों को à¤à¥€ समà¤à¤¨à¥‡ की चेषà¥à¤Ÿà¤¾ करो। अनेकांत के बिना संपूरà¥à¤£ सतà¥à¤¯ का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° नहीं किया जा सकता। महावीर की अहिंसा इतनी विशाल है कि इसमें दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सà¤à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं के समाधान निहित हैं। मनà¥à¤·à¥à¤¯, पशà¥, पकà¥à¤·à¥€, कीड़े, मकोड़े आदि सà¤à¥€ जीना चाहते हैं। कोई मरने की इचà¥à¤›à¤¾ नहीं रखता। जब कोई मृतà¥à¤¯à¥ चाहता ही नहीं, तो उस पर मृतà¥à¤¯à¥ को, हिंसा को थोपना कहां का नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ है। शांति à¤à¤µà¤‚ अहिंसा में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रखने वाले लोग किसी पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ को सताते नहीं, मारते नहीं, मरà¥à¤®à¤¾à¤¹à¤¤ करते नहीं, इसी में से अहिंसा à¤à¤µà¤‚ शांति का ततà¥à¤¤à¥à¤µ निकला है। अहिंसा वह सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ कवच है, जो घृणा, वैमनसà¥à¤¯, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¥‹à¤§, à¤à¤¯, आसकà¥à¤¤à¤¿, हिंसा आदि घातक असà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° को निरसà¥à¤¤ कर देता है तथा समाज में शंाति, सह-असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¤µà¤‚ मैतà¥à¤°à¥€à¤ªà¥‚रà¥à¤£ वातावरण बनाठरख सकता है। लोकतंतà¥à¤° में अहिंसा के विकास की सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤à¤‚ होती हैं। यदि लोकतंतà¥à¤° में अचà¥à¤›à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ का विकास न हो तो इससे अधिक आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ की बात कà¥à¤¯à¤¾ होगी? अहिंसक लोकतंतà¥à¤° की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ गांधीजी ने रामराजà¥à¤¯ के रूप में की पर वह साकार नहीं हो सकी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि गांधीवाद के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों à¤à¤µà¤‚ आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ ने वाद का रूप तो धारण कर लिया पर उनका जीवन में सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ नहीं हो सका। इसलिये लोकतंतà¥à¤° की मजबूती के लिये अहिंसा के पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ पर सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• बल देना होगा। पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेनà¥à¤¦à¥à¤° मोदी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में विशà¥à¤µà¤¶à¤¾à¤‚ति à¤à¤µà¤‚ अहिंसा की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ के लिये पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨à¤¶à¥€à¤² है, समूची दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ओर आशाà¤à¤°à¥€ नजरों से देख रही है कि à¤à¤• बार फिर शांति à¤à¤µà¤‚ अहिंसा का उजाला à¤à¤¾à¤°à¤¤ करें। अहिंसा दिवस बनाने की बहà¥à¤¤ सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ है, उपयोगिता है, इससे अंतर-वृतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उदà¥à¤¬à¥à¤¦à¥à¤§ होंगी, अंतरमन से अहिंसा-शांति को अपनाने की आवाज उठेगी और हिंसा-अशांति में लिपà¥à¤¤ मानवीय वृतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में अहिंसा à¤à¤µà¤‚ शांति आà¤à¤—ी। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ देवेनà¥à¤¦à¥à¤° बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ |
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