विशेष (17/09/2023)
76वें वारà¥à¤·à¤¿à¤• संत समागम की सेवाओं का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ निरंकारी सतगà¥à¤°à¥ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾
समालखा, 17 सितमà¥à¤¬à¤°, 2023:-सतगà¥à¤°à¥ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज à¤à¤µà¤‚ निरंकारी राजपिता रमित जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 76वें वारà¥à¤·à¤¿à¤• निरंकारी संत समागम की सà¥à¤µà¥ˆà¤šà¥à¤›à¤¿à¤• सेवा का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठआज संत निरंकारी आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤², समालखा की पावन धरा पर किया गया। जैसा कि सरà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¤¿à¤¤ ही है कि इस वरà¥à¤· का वारà¥à¤·à¤¿à¤• निरंकारी संत समागम दिनांक 28, 29 à¤à¤µà¤‚ 30 अकà¥à¤¤à¥‚बर, 2023 को आयोजित होने जा रहा है। इस अवसर पर संत निरंकारी मणà¥à¤¡à¤² कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤£à¥€ समिति के सà¤à¥€ सदसà¥à¤¯, केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ योजना à¤à¤µà¤‚ सलाहकार बोरà¥à¤¡ के सदसà¥à¤¯, सेवादल के अधिकारी, सà¥à¤µà¤¯à¤‚सेवक तथा दिलà¥à¤²à¥€ à¤à¤µà¤‚ आसपास के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹ के अतिरिकà¥à¤¤ अनà¥à¤¯ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹ ने दिवà¥à¤¯ यà¥à¤—ल का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया। सेवा के इस सà¥à¤…वसर पर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ सतगà¥à¤°à¥ माता जी ने कहा कि सेवा केवल तन से न होकर जब सचà¥à¤šà¥‡ मन से की जाती है तà¤à¥€ वह सारà¥à¤¥à¤• कहलाती है। सेवा वही सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® होती है जो निःसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ निषà¥à¤•à¤¾à¤® à¤à¤¾à¤µ से की जाये। सतगà¥à¤°à¥ माता जी ने सेवा à¤à¤¾à¤µ के महतà¥à¤µ को बताते हà¥à¤ कहा कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ का बोध होने के उपरांत ही हमारे अंतरà¥à¤®à¤¨ में ‘नर सेवा, नारायण पूजा’ का à¤à¤¾à¤µ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होता है, तब हम पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मानव में इस निरंकार पà¥à¤°à¤à¥ का ही अकà¥à¤¸ देखते है। सतगà¥à¤°à¥ माता जी ने सेवा की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ को बताते हà¥à¤ आहà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ दिया कि निरंकारी मिशन का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ यहां पर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने वाली सिखलाईयों से निरंतर पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लें और à¤à¤• सà¥à¤‚दर समाज के नव निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में सहयोग दें। समागम सà¥à¤¥à¤² पर जैसे ही सेवा का विधिवतॠउदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ हà¥à¤†, हजारों की संखà¥à¤¯à¤¾ में शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ जो सेवा को ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का à¤à¤• अनà¥à¤ªà¤® उपहार मानते हैं वह सेवाओं में तनमयता से जà¥à¤Ÿ गये और अपना अलà¥à¤ª योगदान देने लगे। सà¤à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ यह à¤à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤‚ति जानते है कि तन-मन-धन से की जाने वाली निसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ सेवा ही सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का à¤à¤• सरल माधà¥à¤¯à¤® है इसलिठवह सेवा के किसी à¤à¥€ अवसर को वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ नहीं जाने देते और ‘नर सेवा नारायण पूजा’ के सà¥à¤‚दर à¤à¤¾à¤µ को चरितारà¥à¤¥ करते हà¥à¤ उसे पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ देते है। वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• रूप में सेवा का à¤à¤¾à¤µ ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ में सही मायनों में मानवता का दिवà¥à¤¯ संचार करते हà¥à¤ उसे अहमॠà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से रहित करता है । |
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