विशेष (13/07/2023) 
किसानों के हक की आवाज उठाते रहेंगे :- के कविता
नई दिल्ली/ हैदराबाद।  किसानों को मात्र तीन घंटे मुफ्त बिजली देने की बात कह कर तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी ने  राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।  सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने उनके किसान विरोधी रुख के खिलाफ  विरोध प्रदर्शन किया है। पार्टी की वरिष्ठ नेता व एमएलसी के कविता ने किसानों के पक्ष में सड़क पर उतरकर जहां एक तरफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की राज्य सरकारों को किसान विरोधी करार दिया है।‌ श्रीमती कविता ने कहा कि  कांग्रेस अध्यक्ष की इस बात से कांग्रेस की किसान विरोधी विचारधारा का पता चलता है। जहां पर भी कांग्रेस की सरकारें हैं वहां के किसानों की हालत बहुत ही दयनीय है इसलिए उन पर पर्दा डालने के लिए तेलंगाना में भी कांग्रेस किसानों को मात्र 3 घंटे मुफ्त बिजली देने की बात कर रही है। ‌उल्लेखनीय है कि रेवंत रेड्डी इस समय संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर हैं। उन्होंने तेलुगु एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (टीएएनए) की एक बैठक के दौरान 24 घंटे मुफ्त बिजली योजना के बारे में टिप्पणी की।उन्होंने कहा कि राज्य में 95 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनके पास तीन एकड़ से कम जमीन है। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक किसान हर दिन तीन घंटे की बिजली आपूर्ति के साथ तीन एकड़ जमीन की सिंचाई कर सकता है इसलिए  कृषि क्षेत्र के लिए आठ घंटे बिजली की आपूर्ति पर्याप्त है। उनकी इस टिप्पणी के बाद तेलंगाना की सियासत में भूचाल आ गया।   à¤¬à¥€à¤†à¤°à¤à¤¸ ने पूरे प्रदेश भर में कांग्रेश के इस किसान विरोधी बयान के खिलाफ जगह-जगह मोर्चाबंदी की। पार्टी की तेजतर्रार नेता के कविता ने भी मोर्चा संभालते हुए कहां कि तेलंगाना सरकार ने किसानों के लिए सबसे ज्यादा कार्य किए हैं।  किसानों को भरपूर और मुफ्त पानी हमारी प्राथमिकता रहा है। जबकि कांग्रेस की सोच सिर्फ तीन घंटे की बिजली पर अटकी हुईं है। जहां पर कांग्रेस की सरकारें हैं वहां पर विकास का पैरामीटर उन्होंने बहुत नीचे कर रखा है। की कविता ने कहा कि तेलंगाना में पहले से ही विकास का मॉडल काफी ऊपर है 3 घंटे मुफ्त बिजली देने की बात कहकर कांग्रेस को उसे कम-से-कम नीचे नहीं करना चाहिए। ‌ उन्होंने कहा कि बीआरएस ने किसानों के हित में स्तरीय काम किए हैं और आगे भी किसानों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।
दिल्ली से विजय कुमार की रिपोर्ट
Copyright @ 2019.