विशेष (09/07/2023)
केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ गृह मंतà¥à¤°à¥€ का ओà¤à¤¸à¤¡à¥€ बताने वाला सिविल इंजीनियर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने किया गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° : डॉ.हेमंत तिवारी अतिरिकà¥à¤¤ उपायà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ नई दिलà¥à¤²à¥€ जिला
नई दिलà¥à¤²à¥€ जिले के साइबर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ में अकà¥à¤·à¤¤ शरà¥à¤®à¤¾ से à¤à¤• शिकायत पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी कंपनी की ईमेल आईडी पर केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ गृह मंतà¥à¤°à¥€ के ओà¤à¤¸à¤¡à¥€ राजीव कà¥à¤®à¤¾à¤° के रूप में फरà¥à¤œà¥€ ईमेल आईडी से à¤à¤• ईमेल पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† था, जिसमें चल रहे गंगा à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤µà¥‡ परियोजना के लिठरॉबिन उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ को वरिषà¥à¤ à¤à¤¸à¥‹à¤¸à¤¿à¤à¤Ÿ उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सह परियोजना समनà¥à¤µà¤¯à¤• के रूप में नियà¥à¤•à¥à¤¤ करने के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ पारित किठगठथे।। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस ईमेल के फरà¥à¤œà¥€ होने का संदेह हà¥à¤† और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने साइबर पीà¤à¤¸ à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤¡à¥€ में शिकायत दरà¥à¤œ कराई। मामले को सà¥à¤²à¤à¤¾à¤¨à¥‡ और मामले में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिà¤, रतन लाल, à¤à¤¸à¥€à¤ªà¥€/ऑपरेशंस सेल/नई दिलà¥à¤²à¥€ जिला के समगà¥à¤° परà¥à¤¯à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£ के तहत इंसà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤° कà¥à¤¸à¥à¤® दांगी, à¤à¤¸à¤†à¤ˆ विपिन तà¥à¤¯à¤¾à¤—ी, à¤à¤¸à¤†à¤ˆ मंजीत सिंह, कांसà¥à¤Ÿà¥‡à¤¬à¤² राकेश और कांसà¥à¤Ÿà¥‡à¤¬à¤² महेश की à¤à¤• टीम का गठन किया गया था। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की धारा 170/419/420/468/471/511 और सूचना पà¥à¤°à¥Œà¤¦à¥à¤¯à¥‹à¤—िकी (आईटी) अधिनियम, 2000 की धारा 66सी के तहत à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤†à¤° संखà¥à¤¯à¤¾ 28/23 पीà¤à¤¸ साइबर नà¥à¤¯à¥‚ दिलà¥à¤²à¥€ जिला में दरà¥à¤œ की गई थी और जांच की गई। यह पाया गया कि कथित जीमेल आईडी बनाई गई थी। तकनीकी निगरानी के आधार पर टीम ने मà¥à¤–à¥à¤¯ संदिगà¥à¤§ रॉबिन उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ निवासी मेरठ, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया। जांच के दौरान, तकनीकी विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ के आधार पर, यह पता चला कि मेल 6-7 दिन पहले बनाया गया था और किसी रॉबिन उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ निवासी मेरठ(यूपी) उमà¥à¤°-48 के नाम पर पंजीकृत पाया गया था। बाद में संदिगà¥à¤§ का पता लगाया गया और पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• पूछताछ के आधार पर आरोपी को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर लिया गया। निरंतर पूछताछ पर, आरोपी ने खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ किया कि वह पेशे से à¤à¤• इंजीनियर है और उसे सिविल निरà¥à¤®à¤¾à¤£ परियोजनाओं में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• अनà¥à¤à¤µ है। लेकिन फिलहाल वह बेरोजगार था. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सोचा कि अगर किसी उचà¥à¤š पदसà¥à¤¥ अधिकारी या किसी मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ से रेफरेंस मिल जाठतो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जलà¥à¤¦ से जलà¥à¤¦ नौकरी मिल सकती है. इसलिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने चल रही राजमारà¥à¤— परियोजनाओं और उनकी पà¥à¤°à¤—ति की खोज की। इसके बाद उसने खà¥à¤¦ को गृह मंतà¥à¤°à¥€ के ओà¤à¤¸à¤¡à¥€ राजीव कà¥à¤®à¤¾à¤° बताकर à¤à¤• ईमेल आईडी बनाई। खà¥à¤¦ को गंगा à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸à¤µà¥‡ परियोजना के लिठवरिषà¥à¤ à¤à¤µà¥€à¤ªà¥€-परियोजना समनà¥à¤µà¤¯à¤• नियà¥à¤•à¥à¤¤ करने के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिà¤à¥¤ उसने नौकरी पाने के लिठअपनी योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡ वाला अपना सीवी à¤à¥€ संलगà¥à¤¨ किया। डॉ.हेमंत तिवारी अतिरिकà¥à¤¤ उपायà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ नई दिलà¥à¤²à¥€ जिला ने बà¥à¤¯à¥‚रो चीफ विजय गौड़ को बताया कि आरोपी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ रॉबिन उपाधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ निवासी मेरठ(यूपी) पेशे से à¤à¤• सिविल इंजीनियर हैं और उसके पास 25 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ का अनà¥à¤à¤µ है।उसका दावा है कि उसने कई बहà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कंपनियों में काम किया है। दिलà¥à¤²à¥€ से बà¥à¤¯à¥‚रो चीफ विजय गौड़ की विशेष रिपोरà¥à¤Ÿ |
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