विशेष (14/05/2023)
बाबा जी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® तà¤à¥€ सारà¥à¤¥à¤• है, जब हम उनकी सिखलाईयो पर चलें - सतगà¥à¤°à¥‚ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज
हृदय समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ सतगà¥à¤°à¥‚ बाबा हरदेव सिंह महाराज को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ के शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ सà¥à¤® दिलà¥à¤²à¥€,14 मई, 2023:- ‘सतगà¥à¤°à¥‚ बाबा हरदेव सिंह के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® तà¤à¥€ सारà¥à¤¥à¤• है, जब हम उनकी सिखलाईयो पर चलें। हमें उनकी शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ को केवल बोलचाल में ही नहीं अपितॠउसे अपने वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• जीवन में à¤à¥€ अपनाना है। सिखलाईयों के रूप में जो मोती हमें बाबा जी ने दिये उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने जीवन में धारण करना है। पà¥à¤°à¥‡à¤®, समरà¥à¤ªà¤£ à¤à¤µà¤‚ गà¥à¤°à¥‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जो सतà¥à¤•à¤¾à¤° है वह सचà¥à¤šà¤¾ हो न कि केवल दिखावा मातà¥à¤°à¥¤ अपना मनथन हमें सà¥à¤µà¤¯à¤‚ करना है। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· को पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ वाली बात कि हमारे जीवन में गà¥à¤°à¥‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® समरà¥à¤ªà¤£ का à¤à¤¾à¤µ सचà¥à¤šà¤¾ हो। केवल à¤à¤• विशेष दिन के रूप में हम उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद न करके उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी गयी सिखलाईयों से नित पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेते हà¥à¤, अपने जीवन को सारà¥à¤¥à¤• बनाये।’ यह आशीष वचन सतगà¥à¤°à¥‚ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ जी महाराज ने विशाल रूप में à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ हà¥à¤ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किये। बाबा हरदेव सिंह की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में ‘समरà¥à¤ªà¤£ दिवस’ समागम का आयोजन दिनांक 13 मई, दिन शनिवार को सतगà¥à¤°à¥‚ माता सà¥à¤¦à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ महाराज à¤à¤µà¤‚ निरंकारी राजपिता के पावन सानà¥à¤¨à¤¿à¤§à¥à¤¯ में, संत निरंकारी आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤², समालखा में आयोजित हà¥à¤† जिसमें दिलà¥à¤²à¥€, à¤à¤¨. सी. आर. सहित सीमावरà¥à¤¤à¥€ राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से हज़ारो की संखà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होकर बाबा जी के परोपकारों को न केवल सà¥à¤®à¤°à¤£ किया अपितॠहृदयपूरà¥à¤µà¤• शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ सà¥à¤®à¤¨ à¤à¥€ अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ किये। सतगà¥à¤°à¥‚ माता ने उदारहण सहित समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ कि जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दूध में मधाणी मारने से केवल मलाई à¤à¤µà¤‚ मकà¥à¤–न ही निकलेगा इसके विपरीत पानी में वह अवसà¥à¤¥à¤¾ बिलकà¥à¤² à¤à¥€ संà¤à¤µ नहीं। अतः सचà¥à¤šà¥€ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ ईशà¥à¤µà¤° से जà¥à¥œà¤•à¤° ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सकती है तब ही हमारा मन पà¥à¤°à¥‡à¤®, सतà¥à¤•à¤¾à¤° से सराबोर होगा और फिर गà¥à¤°à¥ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ सचà¥à¤šà¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¾à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ ही हृदय में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होगी इसीलिठयह आवशà¥à¤¯à¤• है कि सतà¥à¤—à¥à¤°à¥‚ का सचà¥à¤šà¤¾ संदेश केवल बोलचाल में ही न रह जाये। सतगà¥à¤°à¥ माता के पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ से पूरà¥à¤µ निरंकारी राजपिता ने अपने समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में फरमाया कि बाबा जी का संपूरà¥à¤£ जीवन ही उपकारो, वरदानों à¤à¤µà¤‚ मेहरबानीयों से यà¥à¤•à¥à¤¤ रहा। बाबा ने समूचे संसार में केवल पà¥à¤°à¥‡à¤® और अमन का ही दिवà¥à¤¯ संदेश दिया। पà¥à¤°à¥‡à¤® का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• अरà¥à¤¥ हमें बाबा जी की सिखलाईयों से ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† और उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡à¤‚ सदैव पà¥à¤°à¥‡à¤® और अपनी दिवà¥à¤¯ मà¥à¤¸à¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤¹à¤Ÿ से न केवल सà¤à¥€ को निहाल किया अपितॠसमूची मानव जाति के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ करूणा दया का à¤à¤¾à¤µ रखते हà¥à¤ उनके जीवन को सारà¥à¤¥à¤• किया। बाबा का यही दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ था कि जीवन में यदि पà¥à¤°à¥‡à¤® का à¤à¤¾à¤µ होगा तो à¤à¥à¤•à¤¨à¤¾ सरल हो जायेगा। उनका यह मानना था कि ऊà¤à¤šà¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹ को à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जाये कि माया का कोई à¤à¥€ दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤– पर न हो। बाबा जी ने पातà¥à¤°à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ के à¤à¤¾à¤µ को न देखते हà¥à¤ सà¤à¥€ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ केवल समानता और करूणा वाला à¤à¤¾à¤µ ही दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ अंत में निरंकारी राजपिता ने यही अरदास करी कि हम सà¤à¥€ का जीवन सतगà¥à¤°à¥‚ के कहे अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ही निठजाये। ‘समरà¥à¤ªà¤£ दिवस’ के अवसर पर मिशन के वकà¥à¤¤à¤¾à¤—णों ने वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨, गीत, à¤à¤œà¤¨ à¤à¤µà¤®à¥ कवितायों के माधà¥à¤¯à¤® से बाबा के पà¥à¤°à¥‡à¤®, करूणा, दया à¤à¤µà¤‚ समरà¥à¤ªà¤£ जैसे दिवà¥à¤¯ गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को अपने शà¥à¤ à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। निसंदेह बाबा हरदेव सिंह की करूणामयी अनà¥à¤ªà¤® छवि, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• निरंकारी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤ के हृदय में अमिट छाप के रूप में अंकित है जिससे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेते हà¥à¤ आज पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• à¤à¤•à¥à¤¤ अपने जीवन को धनà¥à¤¯ बना रहा है। |
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