विशेष (24/02/2023)
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं पर आधारित होगा जीवन और चिंतन, तà¤à¥€ आà¤à¤—ा सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ : पà¥à¤°à¥‹. दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€
बेंगलूरà¥, 24 फरवरी।* "सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ सिरà¥à¤« अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ का चला जाना और हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सतà¥à¤¤à¤¾ में आ जाना नहीं है। सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œ का मतलब है कि अब हमारा सारा जीवन और चिंतन हमारी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं पर आधारित होगा। सà¥à¤µà¤à¤¾à¤·à¤¾, सà¥à¤µà¤à¥‚षा, सà¥à¤µ-संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ होगी। कोई चीज थोपी नहीं जाà¤à¤—ी। जà¥à¤žà¤¾à¤¨ परंपरा अपने आधारों पर खड़ी होगी।" यह विचार *à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जन संचार संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ (आईआईà¤à¤®à¤¸à¥€), नई दिलà¥à¤²à¥€ के महानिदेशक पà¥à¤°à¥‹. (डॉ.) संजय दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€* ने *à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ समिति (शिकà¥à¤·à¤¾ मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯, à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार)* और *माउंट कारà¥à¤®à¥‡à¤² कॉलेज (सà¥à¤µà¤¾à¤¯à¤¤à¥à¤¤), बेंगलूरà¥* के संयà¥à¤•à¥à¤¤ ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में *'à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परिदृशà¥à¤¯ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤•à¤¤à¤¾'* विषय पर आयोजित दो दिवसीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संगोषà¥à¤ ी का शà¥à¤à¤¾à¤°à¤‚ठकरते हà¥à¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किà¤à¥¤ इस अवसर पर दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के *पà¥à¤°à¥‹. हरीश अरोड़ा*, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ समिति के सहायक कà¥à¤²à¤¸à¤šà¤¿à¤µ *जे. पी. सिंह*, पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ कवि à¤à¤µà¤‚ लेखक *उदà¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚त*, वरिषà¥à¤ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° *कà¥à¤®à¤¾à¤° जीवेंदà¥à¤° à¤à¤¾*, *पà¥à¤°à¥‹. रचना विमल*, *पà¥à¤°à¥‹.à¤à¤¸.à¤. मंजूनाथ* à¤à¤µà¤‚ सेमिनार संयोजक *डॉ. कोयल विशà¥à¤µà¤¾à¤¸* उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे। *सà¥à¤µ और à¤à¤¾à¤·à¤¾ को à¤à¥‚ल चà¥à¤•à¥‡ हैं लोग* *'à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ à¤à¤µà¤‚ जनसंचार'* विषय पर आयोजित पà¥à¤°à¤¥à¤® सतà¥à¤° की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ *पà¥à¤°à¥‹. दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€* ने कहा कि आज हम 'सà¥à¤µ' और 'à¤à¤¾à¤·à¤¾' को à¤à¥‚ल चà¥à¤•à¥‡ हैं। हिनà¥à¤¦à¥€ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ सशकà¥à¤¤ होकर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के मंच पर सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हो रही हैं। देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी हिनà¥à¤¦à¥€ बोलकर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के हृदय पर राज कर रहे हैं। हिनà¥à¤¦à¥€, कनà¥à¤¨à¤¡à¤¼, तमिल, तेलà¥à¤—à¥, मलयालम, मराठी आदि हमारी अपनी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ हैं। गृह मंतà¥à¤°à¥€ अमित शाह ने à¤à¥€ कहा है कि देश में संवैधानिक रूप से सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤ सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ हैं और हिनà¥à¤¦à¥€ राज à¤à¤¾à¤·à¤¾ है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हर देश की à¤à¤• à¤à¤¾à¤·à¤¾ होती है, जिसके माधà¥à¤¯à¤® से देश काम करता है। *अपने पà¥à¤¤à¥à¤°-पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ होती हैं माताà¤à¤‚ और à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚* आईआईà¤à¤®à¤¸à¥€ के महानिदेशक के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° माताà¤à¤‚ और à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ अपने पà¥à¤¤à¥à¤° और पà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ होती हैं। हिनà¥à¤¦à¥€ और अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ केवल à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ नहीं हैं। ये नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ हैं। अगर देश के गरीबों, मजदूरों, आम लोगों, किसानों को नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ दिलाना है, तो उनसे उनकी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में बात करनी पड़ेगी, उनकी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में शिकà¥à¤·à¤¾ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ करनी पड़ेगी और उनकी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में ही सारी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ खड़ी करनी पड़ेगी, नहीं तो इस लोकतंतà¥à¤° का कोई मतलब नहीं है। *जनसंचार का सबसे बड़ा अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ है चà¥à¤¨à¤¾à¤µ* पà¥à¤°à¥‹. दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ ने कहा कि चà¥à¤¨à¤¾à¤µ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ जनसंचार का सबसे बड़ा अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ है। इस देश में कोई à¤à¥€ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में वोट मांगकर सतà¥à¤¤à¤¾ तक नहीं पहà¥à¤‚चा है। इसके लिठहिनà¥à¤¦à¥€ और अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं का ही पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— होता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि नई तकनीकों से à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं को आज वैशà¥à¤µà¤¿à¤• मंच मिला है। यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को इसका सही इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करना चाहिà¤à¥¤ *राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पहचान होती हैं à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚* इस अवसर पर *दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¥‹. हरीश अरोड़ा* ने कहा कि वैशà¥à¤µà¤¿à¤• संदरà¥à¤à¥‹à¤‚ से पूरà¥à¤µ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं को à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संदरà¥à¤ में à¤à¥€ देखने की जरूरत है। à¤à¤¾à¤·à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के साथ-साथ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¥€ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पहचान को बनाठरखती है। 1,650 से अधिक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ छोटे-छोटे समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ में आज à¤à¥€ जीवित हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि किसी à¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सामूहिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ही उस राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की पहचान बनती है। शिकà¥à¤·à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ आने वाली पीढ़ियों को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ तो दे सकता है। लेकिन, उस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को आगे बढ़ाने का काम यà¥à¤µà¤¾ पीढ़ी को करना होगा। *à¤à¤¾à¤·à¤¾ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के रूप में देखने की जरूरत* *वरिषà¥à¤ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° कà¥à¤®à¤¾à¤° जीवेंदà¥à¤° à¤à¤¾* ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ जैसी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में न आà¤à¤‚] इसलिठहिंदी और अनà¥à¤¯ मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की महतà¥à¤¤à¤¾ को समà¤à¤¨à¥‡ की जरूरत है। सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° को जोड़ती हैं। à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के विकास व संवरà¥à¤§à¤¨ में शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ की à¤à¥‚मिका अहम है। सà¥à¤•à¥‚ल-कॉलेजों में पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में विदेशी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं की जगह à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं का विकलà¥à¤ª दें। à¤à¤¾à¤·à¤¾ को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के रूप में देखने की जरूरत है। *à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं का à¤à¥€ हà¥à¤† वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£* *à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ समिति के सहायक कà¥à¤²à¤¸à¤šà¤¿à¤µ जे. पी. सिंह* ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• बहà¥à¤à¤¾à¤·à¥€ à¤à¤µà¤‚ बहà¥à¤¸à¤¾à¤‚सà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° है। विविधता में à¤à¤•à¤¤à¤¾ के सूतà¥à¤° में बंधा यह देश अनेक राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚, जातियों, à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤¯à¤‚ में समाहित किठहà¥à¤ निरंतर अपनी विकास यातà¥à¤°à¤¾ पर गतिशील है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से ही अपनी सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ सामाजिक विशिषà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾à¤“ं के लिठविशà¥à¤µ में जाना जाता रहा है। à¤à¤¾à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का à¤à¤• विशिषà¥à¤Ÿ व महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ उपादान होती है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं का à¤à¥€ वैशà¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ हà¥à¤† है। |
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