विशेष (25/01/2023)
अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से जà¥à¤¡à¤¼ कर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हमेशा सकारातà¥à¤®à¤• रहता है : सी आर गरà¥à¤—
मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के लिठजरूरी है।अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से जà¥à¤¡à¤¼ कर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हमेशा सकारातà¥à¤®à¤• रहता है।' ये विचार गढ़वाली, कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤à¤à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ जौनसारी अकादमी, दिलà¥à¤²à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गणतंतà¥à¤° दिवस के उपलकà¥à¤·à¥à¤¯ में आयोजित राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ का उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ करते हà¥à¤ कला, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤·à¤¾ विà¤à¤¾à¤—, दिलà¥à¤²à¥€ सरकार के सचिव सी आर गरà¥à¤— ने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किà¤à¥¤ कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ में डॉ.जीतराम à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने कहा कि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ की à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ने हमेशा मानवीय संवेदनाओं का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° किया है। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ विशेषताओं के कारण पूरे विशà¥à¤µ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की अलग पहचान है। दिलà¥à¤²à¥€ में सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गढ़वाली कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ जौनसारी अकादमी का गठन 3 वरà¥à¤· पहले किया गया था। अकादमी ने अब तक 50 से अधिक कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, कवि समà¥à¤®à¤²à¥‡à¤¨ तथा 65 से अधिक उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤¯à¤£à¥€ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किठहैं। 18 केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤·à¤¾ शिकà¥à¤·à¤£ केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤‚ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ चल रही है। अकादमी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गणतंतà¥à¤° महोतà¥à¤¸à¤µ के अवसर पर हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤µà¤¨ सà¤à¤¾à¤—ार, आई.टी.ओ. नई दिलà¥à¤²à¥€- में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ आयोजित किया गया। अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ अकादमी के उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· कà¥à¤²à¤¦à¥€à¤ª à¤à¤‚डारी ने कहा कि अकादमी नई-नई योजनाओं पर कारà¥à¤¯ करेगी व दिलà¥à¤²à¥€ में रहने वाले गढ़वाली, कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤à¤à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ जौनसारी à¤à¤¾à¤·à¤¾ के लोगों के लिठशैकà¥à¤·à¤¿à¤•/सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ का आयोजन किया जाà¤à¤—ा। शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कवियों ने अपनी कविताओं से शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को मंतà¥à¤°à¤®à¥à¤—à¥à¤§ कर देने वाली कविताà¤à¤‚ सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆà¥¤ डाॅ. जीतराम à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ के सफल संचालन में कवि/कवयितà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कवि-समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ की पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ गई गई। जिनमें गिरीश चनà¥à¤¦à¥à¤° बिषà¥à¤Ÿ ने कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤à¤à¤¨à¥€ में, जगमोहन सिंह रावत ने गढ़वाली में बल हà¥à¤¯à¥‹ देवà¤à¥‚मà¥à¤¯à¤¾, करà¥à¤£à¤§à¤¾à¤°à¥‹à¤‚/सà¥à¤£à¤¾ करà¥à¤£à¤ªà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤—ा करà¥à¤£à¤§à¤¾à¤°à¥‹à¤‚, शà¥à¤°à¥€ नीरज बवाड़ी ने कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤à¤¨à¥€ में लड़नैं रौंल, बड़नैं रौंल/घात रंगीला जौनसार कैं, धात कà¥à¤®à¥Œà¤‚-गढ़वाल कैं डाॅ. पà¥à¤·à¥à¤ªà¤²à¤¤à¤¾ à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤à¤à¤¨à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में सà¥à¤£à¥Œà¤‚ आज, मटिक पà¥à¤•à¤¾à¤°/सीमा पारि, जाणैंक लिजी, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, है जाओ तयà¥à¤¯à¤¾à¤°, शà¥à¤°à¥€ पूरन चनà¥à¤¦à¥à¤° काणà¥à¤¡à¤ªà¤¾à¤² ने कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤à¤à¤¨à¥€ में सीमा पर हमरि सेना चैकस है बेर ठाड़ि है रै/दà¥à¤µà¤¿ तरफाका दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨à¥‹à¤‚ पर नजर लगै बेर उ चैरै, डाॅ. पृथà¥à¤µà¥€ सिंह केदारखणà¥à¤¡à¥€ ने गढ़वाली में उतà¥à¤¤à¤°à¤£à¥€ नै यौ नव चेतनाक महापरà¥à¤µ छौ/ हम उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंडी छौं, मंजूषा जोशी ने जौनसारी में जौशी आओं ता मई का मीना/तौशी तें बोलों चलो बे घौरे दिलà¥à¤²à¥€ à¤à¤µà¥‡ जौमि ना, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ मीनाकà¥à¤·à¥€ खंतवाल ने गढ़वाली में मà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‚ देस मेरा अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ च/येका वासà¥à¤¤à¤¾ मेरि हथगà¥à¤²à¤¿ मा जà¥à¤¯à¤¾à¤¨ च, शà¥à¤°à¥€ रमेश हितैषी ने कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤à¤à¤¨à¥€ में यौ आजादिक अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ छा/ पर इमें à¤à¥Œà¤¤ कà¥à¤› छà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤• अपसोच लै छा, शà¥à¤°à¥€ राम सिंह तोमर ने जौनसारी में काई रूठà¥à¤¾ दैवा नारायणा तू , काई देना à¤à¤œà¤¾ तराश ते/ठनारायणा ले काई राखी दारंदी लाश तैं, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ रामेशà¥à¤µà¤°à¥€ नादान ने गढ़वाली में तà¥à¤® बाॅरà¥à¤¡à¤° मा खड़ा छो, मि यखà¥à¤²à¥€ पहाड़ मा/तà¥à¤®à¤°à¤¿ खà¥à¤¦ लगि च दगडया कब आॅणा छो घार मा, डाॅ. जीतराम à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने गढ़वाली à¤à¤¾à¤·à¤¾ में वों कि सड़क बणि गैन, हमरि कूड़ि छूटि गैन/हे बदà¥à¤°à¥€ केदार! तà¥à¤® देखà¥à¤¯à¤¾à¤‚, करि कैन à¤à¤°à¤¿ कैन आदि देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, पहाड़ों की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर अपनी कविताà¤à¤‚ सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆà¤‚। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के अंत में सचिव ने सà¤à¥€ कवियों का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ किया। जगदीश चंदà¥à¤° शरà¥à¤®à¤¾, कोषाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, ग. कà¥. जौ अकादमी ने बà¥à¤¯à¥‚रो चीफ विजय गौड़ को बताया कि दिलà¥à¤²à¥€ में गणतंतà¥à¤° दिवस के उपलकà¥à¤·à¥à¤¯ में सरकारी सà¥à¤¤à¤° पर किया जाने वाला यह चतà¥à¤°à¥à¤¥ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कवि समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ है। इस अवसर पर अनेक गणमानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ संयोगिता धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥€, शà¥à¤°à¥€ संजय गरà¥à¤—, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ अनीता, शà¥à¤°à¥€ वीरेनà¥à¤¦à¥à¤° नेगी आदि उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। दिलà¥à¤²à¥€ से विजय गौड़ बà¥à¤¯à¥‚रो चीफ की विशेष रिपोरà¥à¤Ÿ |
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