विशेष (26/12/2022)
बेटे बोबी को लेकर फिलà¥à¤® बना रहे हैं दीपक बलराजजेड .अनिल बेदाग.

मà¥à¤‚बई, निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾.निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• के तौर पर दीपक बलराज विज का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। दो दरà¥à¤œà¤¨ के करीब फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ बनाने वाले दीपक बलराज ने कई नठकलाकारों को à¤à¥€ बà¥à¤°à¥‡à¤• दिया है। आदितà¥à¤¯ पंचोलीठरोनित रॉयठजैकी शà¥à¤°à¥‰à¤« से लेकर माधà¥à¤°à¥€ दीकà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤ मंदाकिनी आदि के साथ फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ बनाने वाल दीपक बलराज अब अपने बेटे बोबी विज को फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में इंटà¥à¤°à¥‹à¤¡à¥à¤¯à¥‚स कर रहे है और बोबी को हीरो के तौर पर चमकाती फिलà¥à¤® का नाम है षà¥à¤¶à¥‰à¤Ÿ इन द डारà¥à¤•.हे रामषॠअलग से टायटल वाली यह फिलà¥à¤® वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• घटनाओं से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ है। फिलà¥à¤® के विषय वसà¥à¤¤à¥ पर पà¥à¤°à¤•ाश डालते हà¥à¤ दीपक बलराज कहते हैंठषà¥à¤®à¥ˆà¤‚ने तकरीबन दो साल तक इस फिलà¥à¤® की कहानी पर काम किया है। हà¥à¤† यह कि पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ जब कोरोना काल से गà¥à¤œà¤° रही थी और हर तरफ मायूसी का माहौल था। यह देख मà¥à¤à¥‡ लगा कि लोगों को इस गमगीन माहौल से बाहर निकालने के लिठà¤à¤• à¤à¤¸à¥€ फिलà¥à¤® बनानी चाहिठजिसका संगीत सà¥à¤¨ दिल खà¥à¤¶ हो जाठऔर फिलà¥à¤® देख चेहरे पर चमक आ जाà¤à¥¤ इसे धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रख मैं षà¥à¤œà¤¾à¤¨ तेरे नाम.2षॠकी कहानी पर काम करने लगा। इसी दौरान मेरा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ हथियारों के गैरकानूनी कारोबार की खबर पर गया। गन कलà¥à¤šà¤° की वजह से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सà¤à¥€ देश परेशान हैं और हर किसी को सहना पड़ रहा है। हमारे देश में गन कलà¥à¤šà¤° खूब à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤µ है सो मैं हथियार के गैरकानूनी कारोबार को केंदà¥à¤° में रख इस कहानी पर काम करने लगा। कहानी यह है कि à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾ अयोधà¥à¤¯à¤¾ में अपनी मां के साथ रह रहा होता है। जॉब के सिलसिले में वह मà¥à¤‚बई आता है और यहां उसका परिचय गन कलà¥à¤šà¤° से होता है। वह अनà¥à¤à¤µ करता है कि हथियार के दम पर धाक जमायी जा सकती है। वह हथियार की ताकत से खूब पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हो जाता है और यह पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ उसे किसी दà¥à¤·à¥à¤šà¤•à¥à¤° में फंसा देता है। यह कहानी का सार है।षॠबेटे बोबी के चयन के बारे में दीपक बलराज कहते हैंठषà¥à¤¬à¥‹à¤¬à¥€ यंग है और यह यंग लड़के की कहानी है। सो किरदार के लिये मà¥à¤à¥‡ सही लगा। मैंने उसका सà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¨ टेसà¥à¤Ÿ लिया और चार पनà¥à¤¨à¥‡ के संवाद दिये। वह पूरे आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ के साथ सà¤à¥€ संवाद बिना किसी गलती के बोल गया। तिस पर वह गà¥à¤²à¥‡à¤¡à¤°à¥‡à¤—à¥à¤¸ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता का विजेता à¤à¥€ है। सो वह खà¥à¤¦ को सही ढंग से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करने की कला में माहिर है। उसने à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ की à¤à¥€ बाकायदा तालीम ले रखी है यानि फिलà¥à¤® के किरदार के लिठवो फिट लग रहा था इसलिठमैंने उसे सलेकà¥à¤Ÿ कर लिया। कहना ना होगा कि अà¤à¤¿à¤¨à¤¯ बोबी की रगों में दौड़ रहा है। उसके दादा बलराज विज अपने जमाने के नामी हीरो थे और दिगà¥à¤—ज़ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• बिमल राय ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ षà¥à¤ªà¤¹à¤²à¤¾ आदमीषॠमें बà¥à¤°à¥‡à¤• दिया था। बोबी की माता किशोरी शहाणे विज à¤à¥€ जानी मानी अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€ है। चाचा आनंद बलराज à¤à¥€ अदाकार हैं तो पिता निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤•। à¤à¤¸à¥‡ में à¤à¤²à¤¾ बोबी अà¤à¤¿à¤¨à¤¯ से कैसे दूर रह पाता। बोबी खà¥à¤¦ को खà¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ मानता है कि à¤à¤• रियलासà¥à¤Ÿà¤¿à¤• फ़िलà¥à¤® से उसकी पारी की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हो रही है। खà¥à¤¶à¥€ इस बात की à¤à¥€ है कि फिलà¥à¤® में मां की à¤à¥‚मिका किशोरी शहाणे दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निà¤à¤¾à¤¯à¥€ जा रही है। इससे माठबेटे की केमिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ परà¥à¤¦à¥‡ पर और निखरेगी व नेचà¥à¤°à¤² लगेगी। फिलà¥à¤® के बाकी कलाकारों का चयन à¤à¥€ जारी है। दीपक बलराज ने इस फ़िलà¥à¤® का मà¥à¤¹à¥‚रà¥à¤¤ अयोधà¥à¤¯à¤¾ में किया और à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ राम का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ लेकर यह फ़िलà¥à¤® शà¥à¤°à¥‚ कर दी है। उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है कि यह आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ फिलà¥à¤® के लिये जरूर रंग लाà¤à¤—ा। |
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