विशेष (03/12/2022)
जी-20ः à¤à¤¾à¤°à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न बने विशà¥à¤µ-गà¥à¤°à¥‚ ? - डॉ. वेदपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª वैदिक
01 दिसंबर से à¤à¤¾à¤°à¤¤ जी-20 (बीस देशों के समूह) का अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· बन गया है। सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ परिषद का à¤à¥€ वह इस माह के लिठअधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विदेश नीति के लिठयह बहà¥à¤¤ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ की बात है लेकिन यह बड़ी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ à¤à¥€ है। सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ परिषद आजकल पिछले कई माह से यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ के सवाल पर आपस में बंटी हà¥à¤ˆ है। उसकी बैठकों में शीतयà¥à¤¦à¥à¤§ का-सा गरà¥à¤®à¤¾à¤—रà¥à¤® माहौल दिखाई पड़ता है। लगà¤à¤— सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ आजकल ‘वीटो’ के शिकार हो जाते हैं, खास तौर पर यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ के सवाल पर। यूकà¥à¤°à¥‡à¤¨ का सवाल इस बार जी-20 की बाली में हà¥à¤ˆ बैठक पर छाया रहा। à¤à¤• तरफ अमेरिका और यूरोपीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤° थे और दूसरी तरफ रूस और चीन। उनके नेताओं ने à¤à¤•-दूसरे पर पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन फिर à¤à¥€ à¤à¤• सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¥à¤®à¤¤ घोषणा-पतà¥à¤° बाली-समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ के बाद जारी हो सका। इस सफलता का शà¥à¤°à¥‡à¤¯ खà¥à¤²à¥‡ तौर पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ को नहीं मिला लेकिन जी-20 ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ का रासà¥à¤¤à¤¾ ही अपनाया। à¤à¤¾à¤°à¤¤ तटसà¥à¤¥ रहा। न तो वह रूस के साथ गया और न ही अमेरिका के! उसने रूस से अतिरिकà¥à¤¤ तेल खरीदने में जरा à¤à¥€ संकोच नहीं किया, जबकि यूरोपीय राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने हर रूसी निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ का बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° कर रखा है लेकिन नरेंदà¥à¤° मोदी ने रूसी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ वà¥à¤²à¤¾à¤¦à¤¿à¤®à¥€à¤° पà¥à¤¤à¤¿à¤¨ से साफ—साफ कहा है कि यह यà¥à¤¦à¥à¤§ का समय नहीं है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इस रवैठसे अमेरिका खà¥à¤¶ है। वह à¤à¤¾à¤°à¤¤ के साथ मिलकर आगà¥à¤¨à¥‡à¤¯ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ में चौगà¥à¤Ÿà¤¾ चला रहा है और पशà¥à¤šà¤¿à¤® à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¥€ उसने अपने नठचौगà¥à¤Ÿà¥‡ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ को जोड़ रखा है। जी-20 की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ करते हà¥à¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ को इन पांचों महाशकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को तो पटाठरखना ही होगा, उसके साथ-साथ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾, à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ और लातीनी अमेरिकी देशों की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ का à¤à¥€ मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ करना होगा। जी-20 की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करते ही पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी के नाम से अखबारों में जो लेख छपा है, उसमें हमारे नौकरशाहों ने जी-20 के घिसे-पिटे मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को ही दोहराया है। उनमें à¤à¥€ कà¥à¤› न कà¥à¤› सफलता जरà¥à¤° मिल सकती है लेकिन ये काम तो किसी à¤à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ में हो सकते हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ को यह जो अवसर मिला है, उसका उपयोग अगर मौलिक और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से किया जा सके तो 21 वीं सदी का नकà¥à¤¶à¤¾ ही बदल सकता है। ‘वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤®â€™ का मà¥à¤¹à¤¾à¤µà¤°à¤¾ तो काफी अचà¥à¤›à¤¾ है लेकिन हम पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤‚ के नकलची बनकर इस शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ संगठन के जरिठकौनसा चमतà¥à¤•à¤¾à¤° कर सकते हैं? कà¥à¤¯à¤¾ हमने à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ करके दिखाया है, जो पूंजीवाद और सामà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ का विकलà¥à¤ª बन सके? à¤à¤¾à¤°à¤¤ और विशà¥à¤µ में फैल रही आरà¥à¤¥à¤¿à¤• असमानता, धारà¥à¤®à¤¿à¤• विदà¥à¤µà¥‡à¤¶, परमाणॠअसà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾, असीम उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦, परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£-कà¥à¤·à¤¤à¤¿ आदि मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर हमारे पास कà¥à¤¯à¤¾ कोई ठोस विकलà¥à¤ª हैं? यदि à¤à¤¸à¥‡ विकलà¥à¤ª हम दे सकें तो सारी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के विशà¥à¤µ-गà¥à¤°à¥ तो आप अपने आप ही बन जाà¤à¤‚गे। (डाॅ. वैदिक, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विदेश नीति परिषद के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· है) |
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