मनोरंजन (27/09/2022)
रिलीज़ हà¥à¤† फिलà¥à¤®
फिलà¥à¤® फायनानà¥à¤¸ के कारोबार में लंबे समय से सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ रहे आनंद शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ ने अब फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में आगमन करते हà¥à¤¯à¥‡ फ़िलà¥à¤® "लाईफ ईज गà¥à¤¡" का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया है। यह महज फिलà¥à¤® नहीं पर फ़िलà¥à¤® इंडसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ में आनंद शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ के लंबे अनà¥à¤à¤µ का निचोड़ à¤à¥€ है। वे अचà¥à¤›à¥€ तरह से जानते हैं कि, संवेदनशीलता फ़िलà¥à¤® की सफलता कà¥à¤‚जी है और इसी वजह से उनकी यह फिलà¥à¤® इमोशनà¥à¤¸ से सराबोर बन पड़ी है। सà¥à¤œà¥€à¤¤ सेन लिखित कहानी पर बनी इस फ़िलà¥à¤® के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• हैं अनंत नारायण महादेवन। फ़िलà¥à¤® के सह-निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ राजेनà¥à¤¦à¥à¤° सिंघवी और केतन जैन हैं। इसके पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कलाकार हैं जैकी शà¥à¤°à¥‰à¤«, बेबी सना, अननà¥à¤¯à¤¾, सà¥à¤µà¤¾à¤¨à¤‚द वरà¥à¤®à¤¾, अंकिता, रजित कपूर, सà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ सेन गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, दरà¥à¤¶à¤¨ जरीवाला और मोहन कपूर। इन कलाकारों को चमकाती इस फ़िलà¥à¤® का पोसà¥à¤Ÿà¤° 27 सितंबर को रिलीज किया गया। अपनी फिलà¥à¤® के रिलीज के कगार पर पहà¥à¤‚चने से खà¥à¤¶ आनंद शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ फिलà¥à¤® के विषय के बारे में कहते हैं कि, यहां कहानी में मानवीय संवेदनाà¤à¤‚ पिरोयी गयी हैं। कोरोना महामारी से पूरà¥à¤µ अमूमन हर किसी को जिंदगी से शिकायत थी और शिकायत का सà¥à¤° यही होता था कि उसकी जिंदगी अà¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ से à¤à¤°à¥€ पड़ी है और हर चीज की कमी है। पर इस महामारी के चलते लोगों को à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ हà¥à¤† कि, जिंदगी ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ काफी कà¥à¤› दिया है और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जिंदगी का अरà¥à¤¥ समठमें आया। ज़िनà¥à¤¦à¤—ी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ लोगों के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ में बदलाव आया है और वे जिंदगी को सकारातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ के नज़रिये से देखने लगे। मेरी फिलà¥à¤® à¤à¥€ जिंदगी की सकारातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ से देखने का संदेश लिये हà¥à¤¯à¥‡ है और यह सकारातà¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ फिलà¥à¤® के शीरà¥à¤·à¤• से à¤à¥€ छलकती है। फिलà¥à¤® में निशà¥à¤›à¤² पà¥à¤¯à¤¾à¤° की कहानी पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ की गयी है और यह दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है कि अकेलेपन की जिंदगी जी रहे à¤à¤• अधेड़ उमà¥à¤° के आदमी के परिचय में जब à¤à¤• मासूम बचà¥à¤šà¥€ आती है तो उनके बीच कैसा लगाव हो जाता है। निसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ रिशà¥à¤¤à¥‡ को यहां à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• अंदाज में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है। आज की à¤à¤¾à¤—दौड़ वाली जिंदगी में आपसी संबंध पीछे छूटने लगे हैं, à¤à¤¸à¥‡ में यह फिलà¥à¤® दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥€ है कि संबंधों में मधà¥à¤°à¤¤à¤¾ हो तो जिंदगी कितनी खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ बन जाती है। "लाईफ ईज गà¥à¤¡" की पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शूटिंग महाबलेशà¥à¤µà¤° की नयनाà¤à¤¿à¤°à¤¾à¤® वादियों में की गयी है और पहाड़ी लोकेशन की खूबसूरती ने फिलà¥à¤® में चार चांद लगा दिये हैं। संवेदनशील फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ हमेशा से ही दरà¥à¤¶à¤•à¥‹à¤‚ की पहली पसंद बनी रही हैं। à¤à¤¸à¥‡ में यह कहना गलत न होगा कि संवेदनशीलता से लबालब यह फ़िलà¥à¤® जब 9 दिसंबर को पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ होगी तब दरà¥à¤¶à¤• इसे शरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ हाथों-हाथ लेंगे। |
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