विशेष (05/08/2022)
अमृतकाल: सपनों को सच करने की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€- पà¥à¤°à¥‹. संजय दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€,
जब संकलà¥à¤ª के साथ साधना जà¥à¥œ जाती है, जब मानव मातà¥à¤° के साथ हमारा ममà¤à¤¾à¤µ जà¥à¥œ जाता है, अपनी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठ‘इदं न ममà¥â€™ यह à¤à¤¾à¤µ जागने लगता है, तो समà¤à¤¿à¤, हमारे संकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ के जरिठà¤à¤• नठकालखंड का जनà¥à¤® होने वाला है। सेवा और तà¥à¤¯à¤¾à¤— का यही अमृतà¤à¤¾à¤µ आजादी के अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ में नठà¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिठउमड़ रहा है। इसी तà¥à¤¯à¤¾à¤— और करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤à¤¾à¤µ से करोड़ों देशवासी सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤ की नींव रख रहे हैं। हमारे और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के सपने अलग-अलग नहीं हैं, हमारी निजी और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सफलताà¤à¤‚ अलग-अलग नहीं हैं। राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की पà¥à¤°à¤—ति में ही हमारी पà¥à¤°à¤—ति है। हमसे ही राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ है और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° से ही हमारा असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ है। ये à¤à¤¾à¤µ, ये बोध नठà¤à¤¾à¤°à¤¤ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है। आज देश जो कà¥à¤› कर रहा है, उसमें सबका पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ शामिल है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विशà¥à¤µà¤¾à¤¸, और सबका पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸â€™ ये देश का मूल मंतà¥à¤° बन रहा है। आज हम à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ बना रहे हैं, जिसमें à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ की कोई जगह न हो, à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ समाज बना रहे हैं, जो समानता और सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ पर मजबूती से खड़ा हो, हम à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤¾à¤°à¤¤ को उà¤à¤°à¤¤à¥‡ देख रहे हैं, जिसकी सोच और अपà¥à¤°à¥‹à¤š नई है, जिसके निरà¥à¤£à¤¯ पà¥à¤°à¤—तिशील हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सबसे बड़ी ताकत ये है कि कैसा à¤à¥€ समय आà¤, कितना à¤à¥€ अंधेरा छाà¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤ अपने मूल सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ को बनाठरखता है। हमारा यà¥à¤—ों-यà¥à¤—ों का इतिहास इस बात का साकà¥à¤·à¥€ है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सोच में जकड़ी थी, तब à¤à¤¾à¤°à¤¤ मातृशकà¥à¤¤à¤¿ की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहां गारà¥à¤—ी, मैतà¥à¤°à¥‡à¤¯à¥€, अनà¥à¤¸à¥‚या, अरà¥à¤‚धति और मदालसा जैसी विदà¥à¤·à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ समाज को जà¥à¤žà¤¾à¤¨ देती थीं। कठिनाइयों से à¤à¤°à¥‡ मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में à¤à¥€ इस देश में पनà¥à¤¨à¤¾à¤§à¤¾à¤¯ और मीराबाई जैसी महान नारियां हà¥à¤ˆà¤‚। और अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ में देश जिस सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® के इतिहास को याद कर रहा है, उसमें à¤à¥€ कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं। कितà¥à¤¤à¥‚र की रानी चेनमà¥à¤®à¤¾, मतंगिनी हाजरा, रानी लकà¥à¤·à¥à¤®à¥€à¤¬à¤¾à¤ˆ, वीरांगना à¤à¤²à¤•à¤¾à¤°à¥€ बाई से लेकर सामाजिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में अहिलà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ होलà¥à¤•à¤° और सावितà¥à¤°à¥€à¤¬à¤¾à¤ˆ फà¥à¤²à¥‡ तक, इन देवियों ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पहचान बनाठरखी। आज देश लाखों सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ सेनानियों के साथ आजादी की लड़ाई में नारी शकà¥à¤¤à¤¿ के इस योगदान को याद कर रहा है और उनके सपनों को पूरा करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा है। आज सैनिक सà¥à¤•à¥‚लों में पà¥à¤¨à¥‡ का बेटियों का सपना पूरा हो रहा है। अब देश की कोई à¤à¥€ बेटी, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°-रकà¥à¤·à¤¾ के लिठसेना में जाकर महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उठा सकती है। महिलाओं का जीवन और करियर दोनों à¤à¤• साथ चलें, इसके लिठमातृ अवकाश को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ जैसे फैसले à¤à¥€ किठगठहैं। देश के लोकतंतà¥à¤° में à¤à¥€ महिलाओं की à¤à¤¾à¤—ीदारी बॠरही है। 2019 के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ महिलाओं ने मतदान किया। आज देश की सरकार में बड़ी बड़ी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ महिला मंतà¥à¤°à¥€ संà¤à¤¾à¤² रही हैं। और सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ गरà¥à¤µ की बात है कि अब समाज इस बदलाव का नेतृतà¥à¤µ खà¥à¤¦ कर रहा है। हाल के आंकड़ों से पता चला है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पà¥à¤¾à¤“’ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ की सफलता से, वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ बाद देश में सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥à¤· का अनà¥à¤ªà¤¾à¤¤ à¤à¥€ बेहतर हà¥à¤† है। ये बदलाव इस बात का सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ संकेत हैं कि नया à¤à¤¾à¤°à¤¤ कैसा होगा, कितना सामरà¥à¤¥à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ होगा। हमारे ऋषियों ने उपनिषदों में ‘तमसो मा जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤°à¥à¤—मय, मृतà¥à¤¯à¥‹à¤°à¥à¤®à¤¾à¤®à¥ƒà¤¤à¤‚ गमय’ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की है। यानी, हम अंधकार से पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की ओर बà¥à¥‡à¤‚। परेशानियों से अमृत की ओर बà¥à¥‡à¤‚। अमृत और अमरतà¥à¤µ का रासà¥à¤¤à¤¾ बिना जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ नहीं होता। इसलिà¤, अमृतकाल का ये समय हमारे जà¥à¤žà¤¾à¤¨, शोध और इनोवेशन का समय है। हमें à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ बनाना है जिसकी जड़ें पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ परंपराओं और विरासत से जà¥à¥œà¥€ होंगी और जिसका विसà¥à¤¤à¤¾à¤° आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के आकाश में अनंत तक होगा। हमें अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, अपनी सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾, अपने संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को जीवंत रखना है। अपनी आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ को, अपनी विविधता को संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ और संवरà¥à¤§à¤¿à¤¤ करना है। और साथ ही, टेकà¥à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€, इंफà¥à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤•à¥à¤šà¤°, à¤à¤œà¥à¤•à¥‡à¤¶à¤¨, हेलà¥à¤¥ की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं को निरंतर आधà¥à¤¨à¤¿à¤• à¤à¥€ बनाना है। आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ किसानों को समृदà¥à¤§ और आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° बनाने के लिठऑरà¥à¤—ेनिक फारà¥à¤®à¤¿à¤‚ग और नैचà¥à¤°à¤² फारà¥à¤®à¤¿à¤‚ग की दिशा में पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा है। इसी तरह कà¥à¤²à¥€à¤¨ à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€ के और परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में à¤à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ से बहà¥à¤¤ अपेकà¥à¤·à¤¾à¤à¤‚ हैं। आज कà¥à¤²à¥€à¤¨ à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€ के कई विकलà¥à¤ª विकसित हो रहे हैं। इसे लेकर à¤à¥€ जनजागरण के लिठबड़े अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ की जरूरत है। हम सब मिलकर आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ को à¤à¥€ गति दे सकते हैं। वोकल फॉर लोकल, सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ देकर, इस अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ में मदद हो सकती है। अमृतकाल का ये समय सोते हà¥à¤ सपने देखने का नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ जागृत होकर अपने संकलà¥à¤ª पूरे करने का है। आने वाले 25 साल, परिशà¥à¤°à¤® की पराकाषà¥à¤ ा, तà¥à¤¯à¤¾à¤—, तप-तपसà¥à¤¯à¤¾ के 25 वरà¥à¤· हैं। सैकड़ों वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ की गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ में हमारे समाज ने जो गंवाया है, ये 25 वरà¥à¤· का कालखंड, उसे दोबारा पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने का है। इसलिठआजादी के इस अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ में हमारा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ पर ही केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ होना चाहिà¤à¥¤ हमारे समाज में à¤à¤• अदà¥à¤à¥à¤¤ सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ है। ये à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ समाज है, जिसमें चिर पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ और नितà¥à¤¯ नूतन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है। हालांकि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि समय के साथ कà¥à¤› बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¤¾à¤‚ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ में à¤à¥€, समाज में à¤à¥€ और देश में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर जाती हैं। जो लोग जागृत रहते हà¥à¤ इन बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को जान लेते हैं, वो इन बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ से बचने में सफल हो जाते हैं। à¤à¤¸à¥‡ लोग अपने जीवन में हर लकà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर पाते हैं। हमारे समाज की विशेषता है कि इसमें विशालता à¤à¥€ है, विविधता à¤à¥€ है और हजारों साल की यातà¥à¤°à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ à¤à¥€ है। इसलिठहमारे समाज में, बदलते हà¥à¤ यà¥à¤— के साथ अपने आप को ढालने की à¤à¤• अलग ही शकà¥à¤¤à¤¿ है। हमारे समाज की सबसे बड़ी ताकत ये है कि समाज के à¤à¥€à¤¤à¤° से ही समय-समय पर इसे सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ वाले पैदा होते हैं और वो समाज में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ पर कà¥à¤ ाराघात करते हैं। हमने ये à¤à¥€ देखा है कि समाज सà¥à¤§à¤¾à¤° के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में अकà¥à¤¸à¤° à¤à¤¸à¥‡ लोगों को विरोध का à¤à¥€ सामना करना पड़ता है, कई बार तिरसà¥à¤•à¤¾à¤° à¤à¥€ सहना पड़ता है। लेकिन à¤à¤¸à¥‡ सिदà¥à¤§ लोग, समाज सà¥à¤§à¤¾à¤° के काम से पीछे नहीं हटते, वो अडिग रहते हैं। समय के साथ समाज à¤à¥€ उनको पहचानता है, उनको मान समà¥à¤®à¤¾à¤¨ देता है और उनकी सीखों को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ à¤à¥€ करता है। आज डिजिटल गवरà¥à¤¨à¥‡à¤‚स का à¤à¤• बेहतरीन इंफà¥à¤°à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤•à¥à¤šà¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में है। जनधन, मोबाइल और आधार, इस तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿ का देश के गरीब और मिडिल कà¥à¤²à¤¾à¤¸ को सबसे अधिक लाठहà¥à¤† है। इससे जो सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ मिली है और जो पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ आई है, उससे देश के करोड़ों परिवारों का पैसा बच रहा है। 8 साल पहले इंटरनेट डेटा के लिठजितना पैसा खरà¥à¤š करना पड़ता था, उससे कई गà¥à¤¨à¤¾ कम कीमत में आज उससे à¤à¥€ बेहतर डेटा सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ मिल रही है। पहले बिल à¤à¤°à¤¨à¥‡ के लिà¤, कहीं à¤à¤ªà¥à¤²à¥€à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ देने के लिà¤, रिजरà¥à¤µà¥‡à¤¶à¤¨ के लिà¤, बैंक से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ काम हों, à¤à¤¸à¥€ हर सेवा के लिठदफà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ के चकà¥à¤•à¤° लगाने पड़ते थे। रेलवे का आरकà¥à¤·à¤£ करवाना हो और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ गांव में रहता हो, तो पहले वो पूरा दिन खपा करके शहर जाता था, 100-150 रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ बस का किराया खरà¥à¤š करता था, और फिर रेलवे आरकà¥à¤·à¤£ के लिठलाइन में लगता था। आज वो कॉमन सरà¥à¤µà¤¿à¤¸ सेंटर पर जाता है और वहीं से उसका काम हो जाता है। ई-संजीवनी जैसी टेलिकंसलà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ की सेवा के माधà¥à¤¯à¤® से अब तक 3 करोड़ से अधिक लोगों ने घर बैठे ही अपने मोबाइल से अचà¥â€à¤›à¥‡ से अचà¥â€à¤›à¥‡ असà¥â€à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में, अचà¥â€à¤›à¥‡ से अचà¥â€à¤›à¥‡ डॉकà¥à¤Ÿà¤° से कंसलà¥à¤Ÿ किया है। अगर उनको डॉकà¥à¤Ÿà¤° के पास जाना पड़ता, तो आप कलà¥â€à¤ªà¤¨à¤¾ कर सकते हैं कितनी कठिनाइयां होती, कितना खरà¥à¤šà¤¾ होता। पीà¤à¤® सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ योजना पर शहर के लोगों का बहà¥à¤¤ कम धà¥â€à¤¯à¤¾à¤¨ गया है। पहली बार शहरों की तरह ही गांव के घरों की मैपिंग और डिजिटल लीगल डॉकà¥à¤¯à¥‚मेंट गà¥à¤°à¤¾à¤®à¥€à¤£à¥‹à¤‚ को देने का काम चल रहा है। डà¥à¤°à¥‹à¤¨ गांव के अंदर जा करके हर घर की ऊपर से मैपिंग कर रहा है। अब लोगों के कोरà¥à¤Ÿ-कचहरी के सारे à¤à¤‚à¤à¤Ÿ बंद। ये सब हà¥à¤† है डिजिटल इंडिया के कारण। डिजिटल इंडिया अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ ने देश में बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में रोजगार और सà¥à¤µà¤°à¥‹à¤œà¤—ार के अवसर à¤à¥€ बनाठहैं। बीते आठवरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में डिजिटल इंडिया ने देश में जो सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ पैदा किया है, उसने कोरोना वैशà¥à¤µà¤¿à¤• महामारी से मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ करने में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की बहà¥à¤¤ मदद की है। आप कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ कर सकते हैं कि अगर डिजिटल इंडिया अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं होता, तो इस सबसे बड़े संकट में हम कà¥â€à¤¯à¤¾ कर पाते? देश की करोड़ों महिलाओं, किसानों, मज़दूरों, के बैंक अकाउंट में à¤à¤• कà¥à¤²à¤¿à¤• पर हज़ारों करोड़ रà¥à¤ªà¤ पहà¥à¤‚चा दिठगà¤à¥¤ ‘वन नेशन-वन राशन कारà¥à¤¡â€™ की मदद से 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को मà¥à¤«à¥à¤¤ राशन सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ किया गया। ये टेकà¥â€à¤¨à¥‹à¤²à¥‰à¤œà¥€ का कमाल है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का सबसे बड़ा और सबसे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ कोविड वैकà¥à¤¸à¥€à¤¨à¥‡à¤¶à¤¨ और कोविड रिलीफ पà¥à¤°à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® चलाया। ‘आरोगà¥à¤¯ सेतà¥â€™ और ‘कोविन’, ये à¤à¤¸à¥‡ पà¥â€à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¥‰à¤°à¥à¤® हैं कि उसके माधà¥à¤¯à¤® से अब तक करीब-करीब 200 करोड़ वैकà¥à¤¸à¥€à¤¨ डोज लगाई जा चà¥à¤•à¥€ हैं। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में आज à¤à¥€ चरà¥à¤šà¤¾ है कि वैकà¥â€à¤¸à¥€à¤¨ सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ कैसे लेना है, कई दिन निकल जाते हैं। हिनà¥â€à¤¦à¥à¤¸à¥â€à¤¤à¤¾à¤¨ में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ वैकà¥â€à¤¸à¥€à¤¨ लगा करके बाहर निकलता है और उसके मोबाइल साइट पर सरà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ मौजूद होता है। डिजिटिल इंडिया à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की नई अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का ठोस आधार बने, इसके लिठà¤à¥€ आज अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किठजा रहे हैं। आज AI, Block-Chain, AR-VR, 3D Printing, Drones, Robotics, Green Energy à¤à¤¸à¥€ अनेक New Age Industries के लिठ100 से अधिक सà¥à¤•à¤¿à¤² डेवलपमेंट के कोरà¥à¤¸à¥‡à¤œ चलाठजा रहे हैं। आने वाले 4-5 सालों में 14-15 लाख यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को Future Skills के लिठReskill और Upskill करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ है। आजादी के इस अमृतकाल में हमारे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ संकलà¥à¤ªà¥‹à¤‚ की सिदà¥à¤§à¤¿ हमारे आज के à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ से तय होगी। ये à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ हर सà¥à¤¤à¤° पर, हर सेकà¥à¤Ÿà¤° के लिठबहà¥à¤¤ जरूरी हैं। अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ की ताकत, जन-जन का मन है, जन-जन का समरà¥à¤ªà¤£ है। हम सà¤à¥€ के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से à¤à¤¾à¤°à¤¤ आने वाले समय में और à¤à¥€ तेज गति से सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ओर बà¥à¥‡à¤—ा। लेखक पà¥à¤°à¥‹. संजय दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€, महानिदेशक, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जन संचार संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨, नई दिलà¥à¤²à¥€ |
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