विशेष (15/07/2022)
मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को मजबूत करती हैं: पà¥à¤°à¥‹.धनंजय जोशी कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ दिलà¥à¤²à¥€ शिकà¥à¤·à¤• विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯.
‘‘पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन में कà¥à¤› पल à¤à¤¸à¥‡ आते हैं, जब उसको à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से मजबूत होना पड़ता है। à¤à¤¸à¥‡ समय में हमारी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾à¤à¤‚ हमें संबल पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती हैं। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ में मां का सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ और वातà¥à¤¸à¤²à¥à¤¯ होता है।’ ये विचार दिलà¥à¤²à¥€ सरकार की गढ़वाली, कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ जौनसारी अकादमी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ लाल à¤à¤µà¤¨, आई टी ओ, नई दिलà¥à¤²à¥€ में आयोजित बाल उतà¥à¤¸à¤µ के समापन समारोह में मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि के रूप में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ दिलà¥à¤²à¥€ शिकà¥à¤·à¤• विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‹.धनंजय जोशी ने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किये। इस अवसर पर अकादमी के सचिव डॉ.जीतराम à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ ने कहा कि ‘अपने मन की बात हो अथवा कविता या कहानी हो, सहज अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिठमातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® माधà¥à¤¯à¤® है। इसीलिठगढ़वाली, कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ जौनसारी अकादमी, दिलà¥à¤²à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ में उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–णà¥à¤¡ मूल के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिठइन à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में बाल-रंगमंच कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤“ं का आयोजन किया गया और संवाद और अà¤à¤¿à¤¨à¤¯ के माधà¥à¤¯à¤® से इन à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ दिया। इन कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤“ं में तैयार नाटकों का मंचन बाल-उतà¥à¤¸à¤µ के रूप में किया जा रहा है।’गढ़वाली, कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ जौनसारी अकादमी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ के 13 विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में आयोजित बाल-रंगमंच कारà¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में 8 से 16 साल तक के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गढ़वाली, कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ जौनसारी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में दिठगये रंगमंच पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तैयार नाटकों का मंचन पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ लाल à¤à¤µà¤¨, आई टी ओ, नई दिलà¥à¤²à¥€ में बाल उतà¥à¤¸à¤µ के रूप में आयोजित किया गया बाल उतà¥à¤¸à¤µ का à¤à¤µà¥à¤¯ उदà¥à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ तीन जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को किया गया था। जिसमें गढ़वाली, कà¥à¤®à¤¾à¤‰à¤¨à¥€ à¤à¤µà¤‚ जौनसारी अकादमी के उपाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· à¤à¤®.à¤à¤¸.रावत, चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤•à¤²à¤¾ नेगी, दिनेश बिषà¥à¤Ÿ, पूजा बडोला आदि सदसà¥à¤¯ à¤à¥€ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे।अकादमी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित सात दिवसीय बाल उतà¥à¤¸à¤µ में तेरह नाटकों का मंचन किया जाà¤à¤—ा। तीन जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ रंगकरà¥à¤®à¥€ और निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ रावत के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ में तीलू रौतेली का और खिलाननà¥à¤¦ के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ में ‘मैं चà¥à¤¯à¤²à¤›à¥‚ं’ का मंचन किया गया। चार जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को जीतू बगडà¥à¤µà¤¾à¤² और हरà¥à¤¹à¤¿à¤¤ मालू शाही का मंचन किया गया। पांच जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को कै जावा à¤à¥‡à¤‚ट आखिर और फूल पूजाई, 6 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को बारामासा और पहाड़े की कà¥à¤¨à¥à¤¤à¥€, सात जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को आमक जेवर और मासà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥€, आठजà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को देव सà¥à¤®à¤¨ और वीर शहीद केसरी चनà¥à¤¦à¥à¤° और समापन समारोह में नौ जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को रामी बौराणी का मंचन किया गया। इस अवसर पर डॉ.सनà¥à¤¤à¥‹à¤· पटेल, राम पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ à¤à¤¦à¥‚ला,पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® शरà¥à¤®à¤¾, डॉ.सà¥à¤¨à¥€à¤² जोशी, जगदीश नौडियाल, निशानà¥à¤¤ रौथाण सहित अनेक गणमानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। |
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