विशेष (06/06/2022) 
भीषण गर्मी के बीच सरकारी बसों में सफर करना नहीं आसान, इन समस्याओं से यात्री हो रहे परेशान
गर्मी जिस कदर अपना प्रकोप दिखा रही है, उससे सभी की हालत खराब हो रही है, खासतौर पर बच्चों को गर्मी में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्कूलों में बच्चों की छुट्टियां की जा चुकी है, अभिभावक बच्चों को दोपहर के समय बाहर जाने से रोक रहे है। ऐसे हालातों में बेहद मजबूरी के चलते लोग बच्चों को साथ लेकर सफर कर रहे हैं लेकिन सरकारी बसों में बच्चों के साथ सफर करने का मतलब मुश्किलों से कम नहीं है। खचाखच भरी बसों में आम इंसान को बेहद दिक्कतें पेश आ रही है जबकि बच्चों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। ऐसे ही एक मामला सामने आया, जब सरकारी बस में चढ़ा परिवार कुछ देर बाद रामा मंडी में जाकर उतर गया, क्योंकि गर्मी में बच्चे की हालत खराब होने लगी इसलिए उन्होंने बस से उतरना ही उचित समझा। हालांकि पंजाब की 80 प्रतिशत महिलाएं फ्री में बसों में सफर कर रहीं हैं।
बस अड्डे में काऊंटरों पर प्राइवेट बसें भले ही लगी हो, लेकिन कई लोग फायदे के चलते सरकारी बसों का इतंजार करते हैं क्योंकि उसमें महिलाओं की टिकट नहीं लगती। सरकारी बस के आने से पहले लंबा इंताजर करना पड़ता है। इस भीषण गर्मी में बसों का इंतजार करना बेहद मुश्किल है। लोग जैसे-तैसे करके बसों का इंतजार करते हैं और खचाखच भरकर आ रही बसों में धक्का-मुक्की करके चढ़ जाते हैं। आलम यह है कि, बस में बैठने को सीटें नहीं मिल पाती, लेकिन अधिकतर लोग बच्चों को साथ बैठा ही लेते हैं, लेकिन इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं होता। इसका कारण यह है कि 50 के करीब सीटों वाली बस में 80 से अधिक यात्री सवार होते हैं। ऐसे में जबतक बस चल नहीं पड़ती, तब तक सांस लेने में भी दिक्कत होती है।
एक सरकारी बस के चालक ने बताया कि , पी.ए.पी. से पहले रास्ते में रश के चलते बस कुछ देर के लिए रूकी रही और इस दौरान बच्चा रोने लगा क्योंकि गर्मी में उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। परिवार ने सोचा कि, बस चलेगी तो बच्चा चुप हो जाएगा , लेकिन वह लगातार रोता रहा, इसके बाद उक्त परिवार रामा मंडी के पास उतर गया। वहीं 1-2 महिलाओं ने भी परेशानी के चलते उतरना ही मुनासिब समझा।

पंजाब से  अश्वनी ठाकुर की रिपोर्ट


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