विशेष (25/05/2022)
जीà¤à¤¨à¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में पदà¥à¤® शà¥à¤°à¥€ संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी की, विशेषजà¥à¤ž वारà¥à¤¤à¤¾
जीà¤à¤¨à¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में सिविल इंजीनियरिंग विà¤à¤¾à¤— और जीयू परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ संरकà¥à¤·à¤£ सोसायटी ने वरà¥à¤·à¤¾ जल संचयन और नदी कायाकलà¥à¤ª पर à¤à¤• विशेषजà¥à¤ž वारà¥à¤¤à¤¾ का आयोजन किया। इस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि पदà¥à¤®à¤¶à¥à¤°à¥€ संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी थे। संत बलबीर सिंह सीचेवाल à¤à¤• परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£à¤µà¤¿à¤¦à¥ हैं जो पानी के संरकà¥à¤·à¤£ और उसके उचित उपचार के लिठइतने लंबे समय से काम कर रहे हैं। सीचेवाल साहब गांव की नरà¥à¤¸à¤°à¥€ में 40 पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के लगà¤à¤— à¤à¤• लाख पौधे नि:शà¥à¤²à¥à¤• बांटने के लिठतैयार कर रहे हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वहां मौजूद सà¤à¥€ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ और फैकलà¥à¤Ÿà¥€ सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से बातचीत की। उनसे बातचीत करते हà¥à¤ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने अपना पूरा उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ दिखाया। सीचेवाल साब ने अपनी यातà¥à¤°à¤¾ के बारे में बताया, विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अनà¥à¤à¤µ जो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने जीवन में लिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को बताया कि, विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ से आने वाले वरà¥à¤·à¤¾ जल और अपशिषà¥à¤Ÿ जल के संरकà¥à¤·à¤£ के लिठवह अपने सà¥à¤¤à¤° पर कà¥à¤¯à¤¾ पहल कर सकते हैं। संकाय सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उतà¥à¤¤à¤° दौर आयोजित किया गया, जिसमें विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने जल संरकà¥à¤·à¤£ और ठोस अपशिषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन के बारे में पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ पूछे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी सà¤à¥€ उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ और अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को पूरी तरह से विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ किया, जो जीà¤à¤¨à¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• छातà¥à¤° के लिठअतà¥à¤¯à¤‚त पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सà¥à¤Ÿà¥‚डेंटà¥à¤¸ को अपने अपकमिंग पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤¸ के बारे में à¤à¥€ बताया। शà¥à¤°à¥€ संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने अपने à¤à¤¾à¤·à¤£ के दौरान कहा, "मैं सà¤à¥€ छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को अधिक से अधिक पेड़ लगाने और अपने आस-पास को सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और सà¥à¤µà¤šà¥à¤› और जीवित रहने के लिठफिट रखने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करता हूं।" à¤à¤¸ गà¥à¤°à¤¦à¥€à¤ª सिंह सिहरा, पà¥à¤°à¥‹-चांसलर, जीà¤à¤¨à¤ यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ ने जोर देकर कहा कि संत जी की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ को सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ हम सà¤à¥€ के लिठसौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ की बात है और यà¥à¤µà¤¾ पीढ़ी को उनकी सीख पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिà¤à¥¤ डॉ. वीके रतन, कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿, जीà¤à¤¨à¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, "हम वासà¥à¤¤à¤µ में आपके बीच आपके ऋणी हैं और जीयू के छातà¥à¤° निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से आपके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दी गई सलाह को लागू करेंगे।" डॉ. मोनिका हंसपाल, डीन अकादमिक, जीà¤à¤¨à¤ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया और संत जी के मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अपने परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ को बचाने के लिठकà¥à¤› रणनीति बनाने के लिठछातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤¤ किया। विशेषजà¥à¤ž वारà¥à¤¤à¤¾ में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ संकायों के सà¤à¥€ डीन और विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के संकाय और छातà¥à¤° उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। पंजाब से अशà¥à¤µà¤¨à¥€ ठाकà¥à¤° की रिपोरà¥à¤Ÿ |
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