छिंदवाड़ा । वन विभाग की एसटीएफ टीम ने मिजोरम से पैंगोलीन खाल के एक कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार किया है, आरोपी को छिंदवाड़ा लाया गया। जहां पूछताछ और प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी ने छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट में पैंगोलीन के शिकारियों के पास से सैकड़ो किलो खाल की खरीदी कर उसे दूरे देशों में बेचा है। अब तक उसने करीब 5 करोड़ से अधिक का कारोबार पैंगोलीन की खाल से किया जा चुका है। जांच के दौरान इस बात की पुष्टि भी हुई आरोपी द्वारा अपने बैंक खाते से करीब 50 लाख से अधिक का लेनदेन किया गया है। इस मामले में एसटीएफ पूछताछ भी कर रही है। जिले में लगातार हो रहे पैंगोलीन के शिकार के मामले में एसटीएफ को सफलता
मिलती जा रही है। इसी क्रम में गिरफ्तार हुए आरोपियों से की गई पूछताछ में
अंतराष्ट्रीय स्तर के आरोपी की जानकारी मिलने के बाद बीते दिनों एसटीएफ टीम
प्रभारी रितेश सिरोठिया और टीम ने दबिश देकर मिजोरम से अंतराष्ट्रीय खाल तस्कर
ललतुलंक कुंगा को गिरफ्तार किया। जिसके पास से टीम के सदस्यों में सिरोठिया, रेंज अधिकारी नितिन
निगम और चन्द्रशेखर शर्मा ने करीब 1 किलों खाल भी बरामद किया था। गिरफ्तार हुए
आरोपी को मिजोरम से छिंदवाड़ा लाया गया। जहां छिंदवाड़ा में की गई पूछताछ के दौरान
इस बात की जानकारी आरोपी ललतुलंक कुंगा ने दी कि वह खाल खरीदकर उसे आस पास के देशो
में अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर बेचता था। 50 हजार किलो बेचता था खाल आरोपी ने पूछताछ में कबूला कि वह चयनित स्थानों से पैंगोलीन की खाल
खरीदकर उसे दूसरे देशों में 50 हजार र्स्पए किलो की दर से बेचता था। वहीं इस दौरान
खरीदी वह छिंदवाड़ा सहित आस पास के क्षेत्रों से करने के बाद शिकारियों के जरिए कम
कीमत में खरीदता था और उसे ऊंची से ऊंची कीमत में बेचता था। खाल पहुंचने के बाद होता था पेमेंट जिले सहित आस पास से पैंगोलीन का शिकार होने के बाद जब खाल आरोपी ललतुलंक
कुंगा के पास पहुंचती तो उसके बाद ही आरोपी अपने वादे के अनुसार खाल देने वाले
व्यापारी के खाते में तय कीमत के अनुसार र्स्पया डालता था। जबकि यह खाता उन लोगों
के लिए है जो दूसरे देशो में रहकर पैसा डालते है। लेकिन इस खाते का उपयोग भी
आरोपियों के द्वारा किया जाता था। पांच राज्यों से होती थी सप्लाई इस मामले में आरोपी ललतुलंक कुंगा ने पूछताछ में बताया कि वह सिर्फ दूसरे देशों में खाल पहुंचाने का काम करता था। लेकिन उसके पास तक खाल महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आन्ध्रा, सहित अन्य राज्यों से शिकार के बाद खाल भेजी जाती थी। इस मामले में अब तक चार राज्यों के शिकारी और तस्कर गिरफ्तार किया जा चुकें है। आरोपी को न्यायालय में पेश किए जाने के बाद रिमांड पर लिया जाएगा। |