नई दिल्ली । 30 अप्रैल को समाप्त हुए भाजपा के सदस्यता
अभियान में दस करोड़ से ज्यादा सदस्य बनाने की आधिकारिक घोषणा कर चुकी भाजपा
अल्पसंख्यकों की पार्टी से दूरी को लेकर अब भी चिंता में है। भाजपा सूत्रों के
अनुसार भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व इस बात से परेशान है कि अल्पसंख्यकों को भाजपा
के पाले में लाने के प्रधानमंत्री के तमाम प्रयासों के बाद भी भाजपा के सदस्यता
अभियान में अल्पसंख्यक समुदाय ने रूचि नहीं दिखाई। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिले निर्देश के
बाद भाजपा के रणनीतिकार अल्पसंख्यकों को भाजपा से जोड़ने के लिए अलग से सदस्यता
अभियान चलाने की रणनीति और कार्ययोजना बनाने में जुटे हैं । सूत्र बताते हैं कि
प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गृह प्रदेश गुजरात
से अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा अल्पसंख्यकों को भाजपा में शामिल करने
के लिए कहा गया है। पार्टी ने जिन राज्यों में अल्पसंख्यकों को भाजपा से जोड़ने के
लिए गुपचुप सदस्यता अभियान जारी रखने का निर्णय लिया है वे राज्य है उत्तरप्रदेश, गुजरात, बिहार,पंश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदेश और
कर्नाटक। भाजपा का अल्पसंख्यकों के लिए चलने वाला विशेष सदस्यता अभियान 31 मई तक
चलेगा । इस एक माह के दौरान अधिक से अधिक अल्पसंख्यकों को भाजपा का सदस्य बनाने के
लिए इन छह राज्यों के संगठनों को लगा दिया गया है। |