खरगौन । राजनीति जलालत है। बेहतरीन कलाकारों को राजनीति
में गन्नेव की तरह निचोड़कर फेंक दिया जाता है। राजनीति करने वालों को उनका क्षेत्र
मुबारक। हम कलाकार है और समाज में हमारी अलग भूमिका है। मध्यप्रदेश में आकर उम्र
बढ़ जाती है। यह बात फिल्मी कलाकार अरुण बख्शी ने मीडिया से विशेष चर्चा
में कही। प्लेबेक सिंगर, फिल्मों के साथ टीवी सीरियल में अपनी अहम भूमिका निभा चुके
बख्शी गुरुवार को गुजराती परिवार के आमंत्रण पर शहर पहुंचे। श्री बख्शी ने फिल्मों
में बदलते परिवेश के साथ नई संभावनाओं पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऐसे कई
उदाहरण है जिसमें सुनील दत्त सहित कुछ कलाकारों को छोड़कर अधिकांश फिल्मी कलाकारों
का राजनीतिक उपयोग कर उन्हें गुमनाम कर दिया गया। श्री बख्शी ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि यह विडंबना है कि
वर्तमान परिवेश में सबसे बड़ी गाली देने वाले कलाकार और फिल्में सबसे अधिक मशहूर हो
रही है। लज्जा और हया का दौर फिर लौटेगा। अश्लीलता की उम्र नहीं होती। बच्चों के टेलेंट आधारित लाइव कांटेस्ट पर तीखी टिप्पणी करते
हुए उन्होंने कहा कि बच्चों के बचपन को सहज रखना चाहिए। अभिभावक अपनी उम्मीदें
बच्चों पर थोपकर उम्र से बड़ा बना रहे हैं। ऐसे प्रतिभावान बच्चे बहुत जल्दी गुमनाम
हो जाते हैं और उनकी मनसिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ता है। नई पीढ़ी को उन्होंने चुनौती मानते हुए कहा कि उनमें असीम
संभावना है। दिलीप कुमार कलाकारों की जीती-जागती संस्था है। उन्होंने स्वीकार किया
की फिल्म उद्योग में अब रिश्ते व्यवसायिक और अस्थाई हो चले हैं। |