नई दिल्ली । जिस तरह इंटरनेट पर दबाव बढता जा रहा है, उसे देखते हुए वो
दिन दूर नहीं जब इंटरनेट के इस्तेमाल पर शायद एक भी डाटा नहीं मिल पाए।
वैज्ञानिकों का मानना है कि आठ साल बाद ऐसी स्थिति आ सकती है। विशेषज्ञों के
अनुसार, इंटरनेट की
डाउनलोडिंग स्पीड अब और नहीं बढ़ाई जा सकती। इसी चिंता के बाबत लंदन रायल्स सोसायटी ने माह के अंत में
इंजीनियरों व इंटरनेट से जुड़े विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाई है, जिसमें इस चुनौती
से निपटने के उपायों पर गंभीर मंथन होगा। दरअसल यह चिंता इसलिए ज्यादा है, क्योंकि आने वाले
समय में उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि के साथ ही इंटरनेट केबल पर दबाव और अधिक
बढ़ जाएगा, जिससे हमें
पहले की तरह त्वरित सूचनाएं नहीं मिल सकेंगी। यह सब कुछ होने में फिलहाल अभी आठ वर्ष लगेंगे, बावजूद इसके
इंटरनेट प्रदाता कंपनियों और विशेषज्ञों की परेशानी अभी से बढ़ी हुई है। लंदन
रायल्स सोसायटी में इंजीनियरों की बैठक बुलाने वाले एस्टन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर
इलिस के अनुसार, उन्होंने
लैब में इस तरह का एक शोध किया है जहां सिंगल ऑप्टिकल फाइबर पर एक भी डाटा प्राप्त
नहीं हुआ है। विदित हो कि इलिस ने यह शोध उन परिस्थितियों को बनाकर किया है जब
इंटरनेट सिंगल ऑप्टिकल फाइबर अपनी क्षमता से अधिक डाटा प्रेषित करने के दबाव से
जूझ रहा होगा।
कैसे होगा इंटरनेट प्रभावित? 1. लैपटाप व स्मार्ट फोन पर हर तरह की जानकारी उपलब्ध कराने
वाले केबल व फाइबर ऑप्टिक्स का हो रहा क्षमता से ज्यादा उपयोग। 2. विशेषज्ञों का दावा, इकहरे फाइबर ऑप्टिक्स अब ज्यादा डाटा मुहैया
करने में अक्षम। 3. इंटरनेट कंपनियों को अतिरिक्त केबल का जाल बिछाने का
सुझाव। 4. केबल का जाल बिछा तो उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा असर।
रफ्तार पर एक नजर 1. वर्ष 2005 में ब्राडबैंड की अधिकतम इंटरनेट स्पीड दो
मेगाबाइट्स प्रति सेकेंड। 2. वर्तमान में यह रफ्तार बढ़कर 100 एमबी प्रति सेकेंड। |