मुरैना । मैं ग्वालियर से मुरैना 10 बजे आ गया और तुम
मुरैना में रहते हुए दरबार में नहीं आ सके। ऐसे ही काम करोगे तो क्राइम कंट्रोल
कैसे होगा। यह तीखी बातें आईजी आरएस मीणा ने शहर कोतवाली में सीएसपी मंजीत सिंह
चावला से कही। चावला पुलिस दरबार में नहीं पहुंच सके थे। आईजी मंगलवार
को पुलिस लाइन में दरबार में पुलिसकर्मियों की समस्याएं सुन रहे थे। आईजी दरबार
लगाने के बाद कोतवाली का इंस्पेक्शन करने पहुंचे थे। हालांकि आईजी को उन्होंने कई
तरह से संतुष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन आईजी उनके उत्तरों से संतुष्ट नजर
नहीं आए। शहर कोतवाली का क्षेत्र बड़ा है और केवल दो बीट हैं। दोनों ही
बीटों में दो-दो आरक्षक हैं। क्षेत्र के हिसाब से बीटों में आरक्षकों की संख्या कम
है। ऐसे में इन बीटों पर कंट्रोल नहीं हो पाता। इसलिए या तो बीट बढ़ा दी जाएं या
फिर बीटों में आरक्षकों की संख्या बढ़ा दी जाए। यह समस्या शहर कोतवाल आशीष राजपूत ने आईजी के सामने रखीं।
आईजी मीणा ने कहा कि यह समस्या एसपी के सामने रखो। वे इस समस्या को हल कर
सकते हैं और आरक्षकों की संख्या को बढ़ा सकते हैं। आईजी ने यह दरबार डीजीपी के
निर्देश पर लगाया था। असल में दरबार लगाकर समस्या को डीजीपी को सुनना था, लेकिन डीजीपी सोमवार
को दरबार नहीं लगा पाए। दरबार में अंबाह एसडीओपी किशोर सिंह भदौरिया ने कहा कि उनके
क्षेत्र के नगरा थाने में पुलिस कर्मियों के रहने के लिए आवास नहीं हैं। थाना भी
ऐसी जगह बना है कि वहां पर पुलिस कर्मियों के रहने के लिए कोई इंतजाम नहीं हैं, इसलिए नगरा थाने
में पुलिस कर्मियों के रुकने की व्यवस्था की जाए। इस पर आईजी मीणा ने कहा कि
इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजें। भोपाल से वे पास कराएंगे और पुलिस कर्मियों के रहने की समस्या
को हल कराएंगे। इसके अलावा पुलिस लाइन में ट्रेनिंग में आए आरक्षक ने मैस की
समस्या बताई। इसके लिए आईजी ने आरआई को व्यवस्थाएं ठीक करने के निर्देश दिए।
हालांकि दरबार में सीएसपी को छोड़कर जिले के सभी एसडीओपी सहित अन्य पुलिस कर्मी
मौजूद थे। |