
ग्वालियर । पीएमटी फर्जीवाड़े ने मेधावी छात्रों का मौका ही नहीं छीना है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्रभावित किया है। 2006 से चल रहे फर्जीवाड़े में 135 ऐसे छात्र सामने आए हैं जिन्होंने फर्जी तरीके से गजराराजा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया और फिर डॉक्टर बनने की बजाय पुलिस की गिरफ्त में पहुंच गए। जिन छात्रों ने फर्जी तरीके से प्रवेश लिया मेडिकल कॉलेज ने
उनकी पढ़ाई और स्कॉलरशिप पर लगभग 27 करोड़ रुपए बर्वाद हो चुके हैं। लेकिन इस खर्च
का कोई परिणाम हासिल नहीं हुआ। यह इनकी जगह सही छात्र होते तो डॉक्टर बनते और
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाते। पीएमटी में सॉल्वर बैठाकर फर्जी तरीके से गजराराजा मेडिकल
कॉलेज में प्रवेश दिलाए जाने के फर्जीवाड़े में पुलिस ने दो साल पहले जांच शुरू की
थी। इसमें पहली एफआईआर 15 फर्जी छात्रों के खिलाफ दर्ज की गई थी इसके बाद जांच आगे
बढ़ी तो फर्जी छात्रों की संख्या बढ़ती गई। अब तक की जांच में 135 छात्रों के खिलाफ
पुलिस एफआईआर दर्ज कर चुकी है और पंद्रह छात्र अभी भी जांच के घेरे में हैं। इनके
खिलाफ भी जल्द ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है। |