भोपाल । गृह एवं जेल मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि
प्रदेश के थानों को जघन्य अपराधों के रिकार्ड के आधार पर चार श्रेणी में बाँटा
जायेगा। इनमें ऐसे थाने, जहाँ क्राइम जीरो है और ऐसे थाने जहाँ सर्वाधिक है, उनके बीच विभाजन
होगा। इस आधार पर ऐसे अपराधों को रोकने की रणनीति बनाकर और उस पर
अमल भी करवायेंगे। गौर ने यह बात सोमवार को मुम्बई में पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया और
मुम्बई पुलिस के अन्य अधिकारियों से अपराधों की रोकथाम के लिये अपनाये जा रहे
तरीकों पर चर्चा के बाद कही। गौर ने कहा कि मुम्बई में जघन्य (हत्या आदि) अपराधों के
प्रकरणों के आधार पर सभी 94 थानों को चार श्रेणी में बाँटकर रणनीति बनायी गयी है।
प्रदेश में भी अब इसी तरह भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर महानगरों
सहित अन्य स्थान के थानों का श्रेणीकरण करेंगे। वे थाने, जो अधिक संवेदनशील
हैं और जहाँ जघन्य अपराध अधिक हैं, वहाँ पर पुलिस बल की बढ़ोत्तरी, आदतन अपराधियों की
पहचान, धर-पकड़ और
निगरानी आदि की रणनीति तैयार करवायेंगे। रणनीति पर अमल भी होगा और जघन्य अपराध को
रोकने, कम करने की
दिशा में पुलिस बल कार्य करेगा। गौर ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को
रोकने में जीरो टालरेंस की रणनीति को और अधिक कारगर बनवायेंगे। महानगरों के ऐसे
क्षेत्रों को चिन्हित किया जायेगा, जहाँ पर महिलाओं के विरुद्ध अपराध होने की
अधिक शिकायतें हैं। इन स्थानों पर गश्त बढ़ाने के साथ महिला पुलिस की गश्त में
तैनाती की जायेगी। महिलाओं को तत्परता से सुरक्षा उपलब्ध करवाने में आई.टी. का
उपयोग बढ़ाया जायेगा। महिलाएँ किसी भी स्थान से, यात्रा के दौरान
एस.एम.एस. से अथवा फोन कर अपराध एवं सुरक्षा के संबंध में जानकारी दें और उनकी
तुरंत मदद की जाये,
ऐसी व्यवस्था भी शुरू करेंगे। उन्होंने पुलिस बल के सहयोग के
लिये स्टूडेंट फोर्स के गठन सहित यातायात व्यवस्था में सुधार के नये कार्यक्रम
शुरू करने की बात कही। पुलिस कमिश्नर मारिया ने मुम्बई पुलिस की कार्य-प्रणाली की
जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुम्बई में 50 हजार 618 का पुलिस बल है, जो महाराष्ट्र
पुलिस का एक चौथाई हिस्सा है। मुम्बई में 24 लाख 75 हजार वाहन रजिस्टर्ड होने के
साथ रोजाना 511 वाहन का रजिस्टर्ड होना ट्रेफिक पुलिस को चुनौती है। ट्रेफिक और
अपराध नियंत्रण पर अपनायी जा रही रणनीति की भी उन्होंने जानकारी दी। |