राष्ट्रीय (13/04/2015) 
नशे के कारोबारियों पर लगेगा रासुका

श्योपुर: नशा मुक्ति के लिए जिस प्रकार कराहल विकास खण्ड के गांव बांसरैया में महिला समूहों ने 5 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया है और नशा करने वालों से संघर्ष करना शुरू करते हुए गांव की शराब बनाने की भट्टियों तक को तोड़ दिया है। उसी तरह के महिला समूह प्रभावित गांव क्षेत्रों में गठित किए जाएंगे।

जो इसी तरह नशे के खिलाफ संघर्ष करें और आवश्यकता पड़े तो बांसरैया की भांति नशे की पाबंदी के लिए मेहमानों का भी गांव में प्रवेश रोक दें, जब तक की वह नशे में हों। यह निष्कर्ष यहां कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई, नशा मुक्ति कार्यशाला में लिया गया। इस मौके पर कलेक्टर धनंजय सिंह भदौरिया ने कहा कि उन्हें पता चला है कि जिले का युवा धीरे धीरे कर स्मैक जैसे खतरनाक नशे की गिरफ्त में आता जा रहा है।

यह नशा जिले को बर्बाद कर देगा, हमें नशे को रोकना ही होगा। सभी नशों के साथ साथ,स्मोक  पर खास फोकस रखना होगा।इसके लिए दो तरफा कार्रवाई करना होगी, एक इसकी डिमांड मिटाना होगी और दूसरी इसकी सप्लाई समाप्त करना होगी। इसके लिए प्रशासन अपनी भूमिका पूरी शिद्द्त के साथ निभाएगा। जरूरत पड़ेगी तो इसके कारोबारियों के खिलाफ रासुका तक लगाया जाएगा और साथियों पर भी प्रभावी कार्रवाई की जाएगी, चाहे फिर वह कोई भी हो।

इस नशे को रोकने के लिए जहां प्रशासन इस स्तर तक सहयोग देगा। वहीं संबंधित गांव क्षेत्र के लोगों का भी सहयोग लिया जाएगा। वहां के लोगों का एक दल बनाया जाएगा, जो इसके खिलाफ संघर्ष करेगा। ताकि नशे के कारोबारी और नशा करने वाले दोनों उसे छोडऩे को विवश हों। इसके साथ ही प्रशासन एक दल भी बनाएगा, जो छापामार कार्रवाई के साथ ही जनजागरुकता के लिए भी कार्य करेगा। इसके साथ ही जो लोग सर्वे के माध्यम से नशा करने वालों के तौर पर चिन्हित होंगे, उनको नशा छोडऩे के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा। रोजगार उपलब्ध कराने से लेकर, उसको नशा छुड़वाने में मदद करने के लिए नशा मुक्ति वार्ड के तौर पर जिला अस्पताल में एक वार्ड बनाया जाएगा। जहां चिकित्सकीय परामर्श के बीच उसे नशा छोडऩे के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

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