निजी बैंक ने कर्ज वसूली के लिए पुलिस और वकील की धमकी देकर
किश्त जमा करवा ली। पुलिस ने बैंक अधिकारी के विरुद्ध अब धोखाधडी का मामला दर्ज
किया है। एसपी डॉ. आशीष ने बताया अब्दुल रशीद पिता अब्दुल रहमान कुरैशी
ने वर्ष 2005 में मोटर साइकिल क्रय करने के लिए निजी बैंक से कर्जा लिया था। इस
कर्ज की किश्त व पेनल्टी बकाया होने से अब्दुल रशीद के मोबाइल पर फ़ोन कर स्वयं को
गांधीनगर पुलिस मुख्यालय का थाना प्रभारी राजवीरसिंह राठौर बताया और उसे धमकाया कि
तत्काल ऋण की किश्त जमा नहीं करवाई, तो गिरफ्तार कर जेल में बन्द कर दिया जाएगा।
फर्जी पुलिस अधिकारी ने कंपनी के वकील सतीश शर्मा से चर्चा करने को भी कहा और
अब्दुल रशीद को उसका मोबाइल नम्बर भी दिया। अब्दुल ने वकील बताये गये सतीश शर्मा से बात की तो उसने भी
वही बातें दोहराई और कहा यदि तत्काल दस हजार रूपए बैंक में जमा करवा दिए तो
गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। अब्दुल रशीद नकली पुलिस और वकील की बातों से डर गया और
उसने बैंक में रुपए जमा करवा दिए। बैंक के तत्कालीन मैनेजर मुकेश माहेश्वरी से कहा
कि वे वकील से बात करके उसकी गिरफ्तारी रुकवाए। अब्दुल रशीद को रूपये जमा करने के
बाद धोखा होने की शंका हुई, तो उसने माणक चौक थाने पहुंचकर टीआई दिनेश
वर्मा को शिकायत की। पुलिस ने जांच के बाद बेंक के तत्कालीन मैनेजर मुकेश
माहेश्वरी के विरुध्द धोखाधडी और धमकी देने का प्रकरण दर्ज किया है। |