उड़ीसा। पत्नी के लिए दवाई खरीदने में अक्षम एक आदिवासी व्यक्ति ने अपने दो माह के बेटे को 700 रुपए में एक महिला के हाथों कथित रूप से बेच दिया। जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष संयुक्त प्रधान ने बताया कि कोरकुंडा ब्लॉक के चित्तापल्ली-2 निवासियों सुकुरा मुदुली और उसकी पत्नी धुमुसी मुदुली ने अपने बेटे को इस वर्ष फरवरी में पड़ोसी चित्तापल्ली-3 गांव की आशा कार्यकर्ता को सौंप दिया। प्रधान ने बताया, घटना के संबंध में आज सूचना मिलने के बाद
जिलाधिकारी डी़ प्रशांत कुमार रेड्डी ने जिला बाल कल्याण समिति से इसकी जांच करने
को कहा है। जांच के दौरान पता चला है कि यह गरीब दंपति सरकार द्वारा वंचित लोगों
के लिए चलायी जाने वाली किसी भी योजना के तहत पंजीकृत नहीं था। उन्हें बीपीएल और
इन्द्रा आवास के तहत भी कोई लाभ नहीं मिला है। प्रधान ने कहा कि जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष सुकुरा ने
बताया कि वह दो जून की रोटी भी नहीं जुटा पा रहा था और अपनी पत्नी के लिए दवाईयां
खरीदने में भी अक्षम था। उन्होंने कहा कि उसने अपना बेटा 700 रुपए के बदले एक
महिला को सौंप दिया और उस पैसे से पत्नी के लिए दवाइयां और 50 किलोग्राम चावल
खरीदे। प्रधान ने कहा कि दंपति को इंदिरा आवास के तहत मकान मुहैया कराने और बीपीएल
तथा अन्य योजनाओं का लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इस बीच बच्चा
आशा कार्यकर्ता के पास है। प्रधान ने कहा, चूंकि सुकुरा और उसकी पत्नी फिलहाल बच्चों
की देखभाल करने में सक्षम नहीं है, इसलिए वह आशा कार्यकर्ता के घर पर है। |