नई दिल्ली : संभव है कि अगली बार जब आप एयरपोर्ट की सुरक्षा जांच कतार में
खड़े हों तो आपके साथ राज्यों के कैबिनेट मंत्री, पूर्व
उपराष्ट्रपति, उपमुख्य
मंत्री और कैबिनेट सचिव भी खड़े हों। यह सब वो नाम हैं, जिन्हें अब तक
सुरक्षा जांच से छूट प्राप्त थी। लेकिन केंद्र सरकार के नए प्रस्ता्व के बाद
इन्हें भी सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ सकता है। केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट और विमानों की सुरक्षा को वरीयता
देते हुए यह कदम उठाया है और एक नई वीवीआईपी सूची का प्रस्ताव बनाया है। सरकार का
मानना है कि वीवीआईपी परंपरा की वजह से कई बार सुरक्षा को ताक पर रख दिया जाता है।
इतना ही नहीं इस वजह से सामान्य यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गौरतलब है कि भारत में एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच से छूट प्राप्त
वीवीआईपी लोगों की संख्या दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले बहुत अधिक है। नए
प्रस्तावव में वीवीआईपी सूची में राष्ट्रपति, उपराष्ट्र पति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और
राज्यों के राज्यईपाल का नाम शामिल किया गया है। पूर्व राष्ट्रपपति, उपप्रधानमंत्री, मुख्यि न्यांयाधीश, लोकसभा अध्यक्ष, केंद्रीय कैबिनेट
मंत्री, मुख्य
मंत्री, पूर्व
प्रधानमंत्री, दोनों
सदनों मे विपक्ष के नेता, भारत रत्नो से पुरस्कृत नागरिक, राजदूत, सुप्रीम कोर्ट के
न्यायाधीश, यूपीएससी
अध्यंक्ष, मुख्य्
चुनाव आयुक्तं और सीएजी वो नाम हैं, जिन्हें वीवीआईपी श्रेणी में रखा गया है।
इन्हें एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच से छूट प्राप्ति रहेगी। वीवीआईपी सूची को 31 श्रेणियों से घटाकर 9 करने की तैयारी कर रही है। फिलहाल यह प्रस्ताूव गृह तथा विदेश मंत्रालय के पास है और जल्दक ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है। राज्य सभा के उपसभापति, लोकसभा उपाध्यक्ष, अटॉर्नी जनरल, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर, जनरल या समकक्ष पद धारित चीफ ऑफ स्टोफ, हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके दामाद रॉबर्ट वाड्रा, एयरपोर्ट की सुरक्षा जांच से छूट प्राप्त वीवीआईपी लोगों की लिस्ट में रॉबर्ट वाड्रा एकलौते ऐसे शख्स हैं, जिन्हें बिना किसी श्रेणी के यह सुविधा मिली हुई है। |