राष्ट्रीय (12/04/2015) 
मृतक के परिजनों ने की एसएचओ पर कार्रवाही की मांग
इस मामले में संतरी और ड्यूटी ऑफिसर पर हो चुकी है कार्रवाही 
31 मार्च का है हादसा 
पुलिस कस्टडी में हुई थी मौत, पुलिस ने बताया था खुदकुशी का मामला जबकि उसके परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप 
नई दिल्ली। पुलिस कस्टडी में हुई मौत के विरोध में शनिवार को मृतक के परिजनों ने पूर्वी दिल्ली उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया इस प्रदर्शन में कई सामाजिक संगठनों ने परिवार का साथ दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने शकरपुर थाना एसएचओ के निलंबन की मांग की। जब प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त से संपर्क साधने का प्रयास किया तो वह अपने कार्यालय में मिल सके। प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप था कि जिस मौत को पुलिस ख़ुदकुशी बता रहीं है वह ख़ुदकुशी नही बल्कि हत्या है। जानकारी के अनुसार सुनील कुमार नामक व्यक्ति की मौत शकरपुर थाने में हुई थी जिसके सन्दर्भ में पुलिस ने कहा था कि सुनील ने लॉकअप में अपने कच्छे के नाड़े से सुसाइड की है। जबकि मृतक के परिजनों का कहना है कि सुनील ने सुसाइड नही की बल्कि उसकी हत्या की गयी है। शनिवार दोपहर मृतक सुनील कुमार के बेटे मानव, उषा, भाई बिशन कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में लोगों के साथ पूर्वी दिल्ली उपायुक्त अजय कुमार के कार्यालय के बाहर पहुंच गए और पुलिस हाय-हाय के साथ शकरपुर थाना एसएचओ हरी सिंह के खिलाफ कार्रवाही की मांग की। जब इन प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त अजय कुमार से मिलने का प्रयास किया तो बताया गया कि वह कार्यालय में उपस्थित नही है जिसके बाद प्रदर्शन आकर रहे लोगों ने अपनी शिकायतों का ज्ञापन उपायुक्त कार्यालय में सौप दिया।
सुशील एस- 272, स्कूल ब्लॉक, शकरपुर में रहते थे। ३१ मार्च को उनका अपनी पत्नी से किसी बात पर झगड़ा हो गया झगडे के दौरान सुशील ने अपनी पत्नी की पिटाई कर दी जिसके बाद गुस्से में उषा ने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुला लिया और सुशील के खिलाफ शिकायत लिखवा दी। जिसके बाद पीसीआर पुलिस ने शकरपुर थाना पुलिस को मामला सौप दिया। मामले के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने सुशील को शकरपुर थाने में बनीं हवालात में बंद कर दिया। रात को करीब 9 बजे सुशील का बेटा उसको खाना खिलाने थाने पहुंचा और उसको खाना खिलाकर वापस लौट आया। करीब 10 बजे के करीब एक हवलदार सुशील के घर पर पहुंचा और बताया कि सुशील हवालात में अपना सिर दीवारों में मार रहा है और चिल्ला रहा है कि मुझे घर जाने दो। जिसके बाद सुशील के परिजन थाने पहुंचे तो उनको बताया गया कि सुशील ने कच्छे के नाड़े के सहारे फांसी लगा ली है उसे लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में ले जाया गया है। जब सुशील के परिजन अस्पताल में पहुंचे तो बताया गया कि उसकी मौत हो गई है

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