नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सीके प्रसाद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की पीआईएल खारिज कर दी है। सीके प्रसाद के जज रहने के दौरान एक दीवानी याचिका के मामले में कथित तौर पर कुछ अनुचित आदेश देने पर एफआईआर दर्ज करने की अपील की गई थी। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा, अगर इस प्रकार की याचिकाओं पर सुनवाई की गई तो इससे 'खतरनाक दरवाजे खुल जाएंगे।' जज दीपक मिश्रा और जज प्रफुल्ल सी पंत ने पीसीआई अध्यक्ष के खिलाफ वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी। बेंच ने कहा, 'सोच विचार करने के बाद हमारी राय है कि सुप्रीम कोर्ट का ललिता कुमारी मामले का आदेश (कुछ मामलों में एफआईआर दर्ज करने को अनिवार्य बनाने संबंधी आदेश) मौजूदा केस पर लागू नहीं होता।' कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसी याचिकाओं पर सुनवाई की गई है तो 'इससे खतरनाक दरवाजे खुल जाएंगे।' बेंच ने कहा, 'हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का आदेश भले ही अतार्किक हो, लेकिन उसे इस प्रकार चुनौती नहीं दी जा सकती ।' इस केस में वरिष्ठ वकील शांति भूषण अपने पुत्र प्रशांत भूषण
की ओर से अदालत में पेश हुए थे। उन्होंने कहा, 'यह एक स्पष्ट मामला
है और इसमें एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। इसे केवल इसलिए खारिज नहीं करना चाहिए, क्योंकि वह सुप्रीम
कोर्ट के जज रहे हैं।' याचिका में आरोप लगाया गया है कि जज प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट
का जज रहते हुए एक दीवानी याचिका को अपने समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था, जबकि यह याचिका
पहले से दूसरी बेंच के समक्ष लंबित थी। |