राष्ट्रीय (11/04/2015) 
2030 तक भारत में 100 करोड़ से ज्यादा मतदाता-एच.एस.ब्रह्मा
भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त एच.एस.ब्रह्मा ने कहा कि 2030 तक भारत में 100 करोड़ से ज्यादा मतदाता हो जायेंगे जिनका पारम्परिक तरीके से ब्यौरा रखना नामुमकिन होगा इसलिए ई-टैक्नोलॉजी अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि ई-वोटिंग होनी चाहिए ताकि चुनावों के परिणाम चार घंटे के भीतर-भीतर घोषित किए जा सकें।
एच.एस.ब्रह्मा शनिवार को हरियाणा भवन, नई दिल्ली में 22वीं अखिल भारतीय राज्य चुनाव आयुक्तों की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग चाहता है कि मतदाताओं की नवीनतम सूची एसएमएस, ई-मेल, मोबाइल ऐप द्वारा उपलब्ध करवाई जाए तथा राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल एक ऐसा मंच है जहां हर मतदाता के बारे में स्वच्छ और निरीक्षण डाटा उपलब्ध कराया जाएगा ताकि मतदाताओं की यह शिकायत न रहे कि उनका नाम सूची में नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल के द्वारा मतदाता अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करा सकते हैं, नए मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन भेज सकते हैं, प्रविष्टियों का सुधार या पते में परिवर्तन कर सकते हैं और आवेदन की स्थिति जान सकते हैं।
हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त धर्मवीर ने बताया कि हरियाणा में मतदाता सूची को आधार लिंक से जोड़ा जा रहा है ताकि एक ही मतदाता का नाम दूसरी बार मतदाता सूची में दर्ज न हो सके।  उन्होंने कहा कि मतदाता को यह शिकायत भी अब नहीं रहेगी कि उनका नाम लोकसभा व विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में तो है, लेकिन निगम, नगर परिषद, नगर पालिका व ग्राम पंचायत की चुनाव सूची में नहीं है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची एक ही बनाई जा रही है। इसके उपरांत मतदाता को शिकायत का कोई मौका नहीं मिलेगा। चुनाव आयुक्त ने कहा कि राज्यों के चुनाव आयुक्तों की बैठक छह माह में होती है जिसमें चुनाव के सुधार व सुझाव के बारे में विचार-विमर्श किया जाता है। इन बैठकों में राज्य के चुनाव आयुक्त एक दूसरे से विचार-विमर्श साझा करते हैंं। 
 धर्मवीर ने बताया कि वर्ष 2013 में निगमों के चुनाव में आधुनिक टैक्नोलॉजी को अपनाया गया था जिससे उन्हें यह पता चल रहा था कि किस बूथ पर क्या चल रहा है। कोई रुकावट तो नहीं है, पोलिंग स्टेशनों को वैबसाइट से जोड़ा गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पंचायतों के चुनाव के लिए वार्ड बंदी का कार्य चल रहा है जिसके पूरे होने पर ही पंचायत चुनाव के बारे में निर्णय लिया जाएगा। 
इस अवसर पर भारत सरकार के उपचुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा, राज्यों के चुनाव आयुक्तों में अरुणाचल प्रदेश के  सत्य गोपाल, बिहार के ए.के.चौहान, छत्तीसगढ के पी.सी दलेल, दिल्ली व चंडीगढ़ के राकेश मेहता, गोवा के डॉ.एम.मु्द्दसर, गुजरात के डॉ. वरेश सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के उमंग नरुल्ला, झारखंड के शिव वसंत , कर्नाटक के पी.एन.श्रीनिवास आचार्य, केरल के के.शशिधरण नायर, उड़ीसा के आर.एन.सेनापति, तमिलनाडु के पी.सीतारामन , उत्तर प्रदेश के एस.के.अग्रवाल, केन्द्र शासित प्रदेशों के  भुपिंदर प्रसाद  बैठक में उपस्थित थे। 
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