राष्ट्रीय (10/04/2015)
लाडवा नगर पालिका प्रधान की छीनी कुर्सी
पद का दुरुपयोग करने पर नगर निकाय विभाग ने की कार्रवाई पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाकर नगर निकाय विभाग ने लाडवा नगर पालिका प्रधान कौशल्या खुराना को प्रधान पद की कुर्सी से हटा दिया। नगर निकाय विभाग के प्रिंसीपल सैक्टरी एस एन राय ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने अग्रवाल मेडीकल स्टोर लाडवा के मालिक राजेंद्र कुमार पुत्र हजारी लाल की शिकायत पर नगर निकाय की धारा 22ए के तहत यह कार्रवाई की है। राजेंद्र कुमार ने प्रधान पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए नगर पालिका के 65 नंबर प्लॉट की लीज नियमों को ताक पर रखकर अपने एक रिश्तेदार के नाम की है। 18 दिसंबर 2012 को की गई इस शिकायत पर कार्रवाई शुरू हुई तो उपायुक्त के आदेशानुसार उपमंडल अधिकारी नागरिक व अतिरिक्त उपायुक्त ने प्रधान को दोषी करार दिया और जवाब दिया कि प्रधान ने अपने पद का इस्तेमाल कर नपा के प्लॉट को अपने रिश्तेदारों के नाम किया है, जो कि पद का दुरुपयोग है। इसमें उन्होंने लाडवा नगर पालिका कार्यालय में कार्यरत नगर पालिका सचिव केएल बठला, भवन निरीक्षक व टैक्स र्क्लक को भी दोषी करार दिया था और इसकी आगामी कार्रवाई के लिए नगर निकाय विभाग के उच्चाधिकारियों को रिर्पोट भेजी थी। इसी दौरान शिकायतकर्ता राजेंद्र कुमार ने उच्च न्यायालय में भी सभी सबूतों को लेकर एक अपील दायर कि तो उच्च न्यायालय ने भी इस संबंध में नगर निकाय विभाग के उच्चाधिकारियों को आगामी कार्रवाई के आदेश देते हुए इस संबंध में 10 अप्रैल को जवाब देने को कहा था। ऐसे में शुक्रवार को उच्च न्यायालय में जवाब देने के लिए नगर निकाय विभाग ने एक दिन पहले बृहस्पतिवार को इस मामले में कार्रवाई करते हुए नगर पालिका प्रधान को पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया और इन आदेशों की प्रतियां कौशल्या खुराना के साथ-साथ नगर निकाय विभाग हरियाणा निदेशक, कुरुक्षेत्र के उपायुक्त, लाडवा नगर पालिका सचिव व राज्य चुनाव अधिकारी को भी भिजवाई है। शिकायतकर्ता राजेंद्र कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि जो लड़ाई उन्होंने शुरू की थी, वह रंग लाने लगी है। उन्होंने कहा कि वह इन आदेशों से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि आदेशों में नगर पालिका प्रधान पर मात्र नगर निकाय की धारा 22ए के तहत कार्रवाई कर उनको केवल प्रधान पद से ही हटाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ धारा 14ए के तहत भी कार्रवाई होनी चाहिए थी और उनकी प्रधान पद के साथ-साथ पार्षद पद की सदस्यता भी खत्म होनी चाहिए थी। इसके अलावा उन पर चुनाव लड़ने की रोक भी लगनी चाहिए। इसके खिलाफ वह अपील करेंगे। प्रधान पद से हटाए जाने के बाद नपा प्रधान कौशल्या खुराना ने कहा कि जिस जमीन की लीज को बदलने को लेकर उन पर कार्रवाई की गई है, वह नियमों के अनुसार ही बदली गई थी। ऐसा कहीं कोई प्रावधान नहीं, जहां नियमों के तहत कोई कार्रवाई न की जाए। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय में जवाब देने के लिए अधिकारियों ने दबाव में यह कार्रवाई की है। वह इस फैंसले के खिलाफ न्यायालय की शरण लेंगे। प्रधान के पद से हटाए जाते ही शुक्रवार को नपा कार्यालय खुलते ही उपप्रधान रतन लाल बनवान ने कार्यकारी प्रधान का पद संभाल लिया। मौजूद पार्षदों ने उनको प्रधान की कुर्सी पर बैठा दिया। नपा सचिव के छुट्टी पर होने के बावजूद इस तरह से स्वयं पद संभालने को लेकर चर्चा भी खूब हुई, वहीं रतन लाल बनवाल ने इस संबंध में कहा कि प्रधान पद के हटते ही वह आटोमेटिक प्रधान हैं। उनके साथ पार्षद अनिल माटा, सुखबीर सिंह, रमेश शर्मा, पूर्व प्रधान मनदीप सिंह, श्रवण गर्ग, कश्मीरा सिंह भी मौजूद थे। वहीं इस संबंध में जब नपा सचिव सुशील कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि छुट्टी लेना उनका अधिकार है और उन्होंने कल ही छुट्टी ले ली थी। ऐसे में उनको नहीं पता था कि यह आदेश जारी हुए हैं। उन्होंने उपप्रधान के इस तरह कुर्सी पर बैठने पर कहा कि यह गलत तरीका है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त के आदेशों के बाद ही उनको पूरी कार्रवाई अमल में लाने के बाद कार्यकारी प्रधान की कुर्सी पर बैठाया जाएगा। |
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