राष्ट्रीय (10/04/2015) 
प्रशासन व मौसम की बेरूखी के चलते किसान ने खेत ही बहा दिया
प्रशासन से नराज, बोला धक्के खाने के बाद भी नहीं मिला कोई समाधान
गांव करोड़ा निवासी ईश्वर सिंह ने मौसम के कहर से खराब हुई उसकी 5 एकड़ जमीन पर शुक्रवार ट्रक्टर चला खेत की बुआई कर दी। ईश्वर सिंह ने बताया कि उसने कर्ज उठाकर 5 किले जमीन ठेके पर ली थी। जिसमें उसने गेहूं की फसल इस आस में लगाई थी कि फसल से उसका लाभ न सहीं उसका लिया हुआ कर्ज तो उतर जाएगा। लेकिन ईश्वर सिंह को कहां पता था कि किस्मत का कहर इस कदर टूटेगा की कर्ज माफ तो दूर की बात। इस बार उसके घर में खाने तक के लाले पड़ जाएगे। ईश्वर सिंह गांव करोंड़ा का रहने वाला एक छोटा सा किसान है। जिसके 5 बच्चें है। ज्यादा पढ़ा-लिखा न होने की वजह से वह खेती के इलावा कोई और काम करने में असर्मथ है। ईश्वर के अलावा उसके साथ जसवंत, साधु, सुखबीर, राहुल आदि ने भी अपने खेतों में खराब हो रही फसल पर ट्रक्टर चला दिया। 
किसान से बातचीत करते हुए उन्होंने ने बताया कि पहले धान के भाव ने किसान की कमर तोड़ दी। और अब बेमौसम बारिश होने की वजह से पककर मंडी में जाने को तैयार फसल पूरी खराब कर दी। ईश्वर ने बताया कि उसके द्वारा अपनी फसल का मुआवजा लेने व फसल की गिरदावरी करवाने के लिए प्रशासन के धक्के खा चुके है जब उसको कोई ओर रास्ता नहीं मिला तो उसने अपने खेत को ही बहा दिया। किसान ने बताया कि उनकी फसल खराब होने से केवल उनकी आर्थिक स्थिति ही नहीं बल्कि उनके बच्चों का जीवन भी दाव पर लगा है।
ईश्वर सिंह ने बताया कि उनके गांव में गिरदावरी के लिए आए हुए पटवारी से जब उसने अपने खेतों में खराब हो चुकी फसल का हाल देखने को कहा तो पटवारी ने उसकी बात न सुनते हुए आगे चले गए। जिससे दुखी होकर  ईश्वर सिंह ने अपने 5 किले से अधिक खराब हो चुकी गेहूं की फसल को बहा दिया। ईश्वर सिंह ने बताया कि जब प्रशासन किसानों के र्दद को समझ ही नहीं सकता तो उसको मुआवजे का लालच देकर क्यों बहा फुसला रहे है।
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