
नई दिल्ली । बेमौसम बरसात, आंधी तथा ओलावृष्टि से रबी फसलों को हुए नुकसान को लेकर अलग अलग दावे किए जा रहे हैं और इसके कारण महंगाई बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि वर्षा ओलावृष्टि और आंधी से देश के 14 राज्यों में कुल 113 लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा है कि आरंभिक तौर पर राज्यों से फसलों की हुई क्षति को लेकर जो आंकड़े दिए गए हैं, उसके अनुसार गेंहू की पैदावार में चार से पांच प्रतिशत तक कमी आ सकती है। उन्होंने कहा है कि अन्य फसलों की भी क्षति हुई है, लेकिन उसका आकलन
किया जाना है। आधिकारिक आकड़ों के अनुसार वर्ष 2014-15 में 614.69 लाख हेक्टेयर में
रबी फसलों की बुआई की गई थी जो एक वर्ष पूर्व की तुलना में 29.20 लाख हेक्टेयर कम
है। इसके अलावा इस वर्ष गेहूं की बुआई भी पिछले साल की तुलना में डेढ़ लाख हेक्टेयर
कम क्षेत्र में की गई थी। इस वर्ष 303.23 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई
थी। इस बार गेहूं उत्पादन का आरंभिक अनुमान 9.57 करोड टन है।
पिछले साल 9.58 करोड टन गेहूं का उत्पादन हुआ था। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम
राजन ने कहा है कि ओलावृष्टि से देश में 17 प्रतिशत रबी फसलों को नुकसान हुआ है।
बेमौसम वर्षा से खाद्य पदार्थाे के दाम पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता भी व्यकत
की है। इसी डर से नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। केन्द्रीय खाद्य एवं आपूति मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है
कि केवल उत्तर प्रदेश में गेहूं की लगभग दस प्रतिशत फसल को क्षति हुई है। उद्योग
एवं व्यापार संगठन एसोचौम और स्काईमेट के एक संयुक्त अध्ययन के अनुसार बेमौसम बरिश
और ओले गिरने से आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम 20 से 25 प्रतिशत तक और
अनाजों के दाम में 25 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। अध्ययन में कहा गया है
कि खराब मौसम के कारण सब्जियों तथा गेहूं की फसल को काफी नुकसान हुआ है और इनके
दाम अप्रेल से बढ़ सकते हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार आम, केला और अंगूर आदि
फलों के दाम बढ़ सकते हैं। गेहूं के अलावा दलहन और तिलहन की फसल को भी नुकसान हुआ
है। पुरी आयल मिल के एक अध्ययन के अनुसार 2014-15 में 66 लाख हेक्टेयर में सरसों
की फसल लगाई गई थी जिसमें से 30 प्रतिशत फसल के क्षतिग्रस्त होने का अनुमान है।
राजस्थान में सबसे अधिक सरसों की खेती की जाती है। यहां लगभग 10 लाख हेक्टेयर में
सरसों की फसल की क्षति का अनुमान है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश तथा
छत्तीसगढ़ में भी सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरसरी
तौर पर सरसों को 10 से 12 प्रतिशत तक नुकसान होता है तो इससे इसका उत्पादन 6.3 लाख
टन से 6.6 लाख टन तक कम हो सकता है। सुनीता सिंह |



