राष्ट्रीय (08/04/2015)
दिल्ली सरकार ने सफाई कर्मियों के लिए एक पैसा भी नहीं दिया
दिल्ली सरकार द्वारा जारी की गई राशि केवल शिक्षा के मद में ही उपयोगी - चांदोलिया उत्तरी दिल्ली के महापौर योगेन्द्र चांदोलिया ने आज दिल्ली सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों के लिए राशि जारी करने संबंधी बयान की कठोर आलोचना की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्लीवासियों को गुमराह करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया द्वारा कुछ दिन पहले ही निगम के सफाई कर्मचारियों के लिए राशि जारी किए जाने की घोषणा कई दिनों से की जा रही है। लेकिन अब तक दिल्ली सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों के वेतन के लिए कोई राशि जारी नहीं की गई है। चांदोलिया ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा 150 करोड़ रूपये शिक्षा के मद में जारी किए गए है जिसे केवल शिक्षा से संबंधित कार्यों में खर्च किया जा सकता है। इस राशि से केवल शिक्षकों का वेतन और विद्यालयों की रखरखाव का कार्य ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस वर्ष शिक्षा मद में दी जाने वाली राशि को भी 620 करोड़ रूपये से घटाकर 513.49 करोड़ कर दिया गया है। योगेन्द्र चांदोलिया ने बताया कि जारी की गई 150 करोड़ की राशि को सफाई कर्मचारियों के वेतन देने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार इस बात का भा्रमक प्रचार प्रसार कर दिल्लीवासियों को गुमराह कर रही है। चांदोलिया ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने जो अपने घोषणा में सफाई कर्मचारियों के लिए चिकित्सा के संबंध में कैश लैस की सुविधा दिए जाने की बात कही है वह भी निराधार है, इस बात की घोषणा करने के बाद भी उन्होंने इस मद में कोई राशि निगमों को जारी नहीं की है। चांदोलिया ने दिल्ली सरकार पर केवल राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार को सफाई कर्मचारियों और दिल्लीवासियों के अधिकार को लेकर कोई सजगता नहीं है बल्कि उल्टा इस सरकार ने दिल्ली से मिलने वाले निगम के ग्लोबल शेयर 695.29 करोड़ रूपये को भी पिछले तीन वर्षों तक नहीं दिया साथ ही इस शेयर को ऋण के ब्याज के रूप में काट लिया गया है। उन्होंने बताया कि तीनों निगमों के महापौरों द्वारा दिल्ली सरकार सहयोग राशि की मांग की गई थी लेकिन दिल्ली सरकार के 1800 करोड़ रूपये लैप्स होने के बावजूद भी निगमों को राशि नहीं दी गई। जबकि हम शहर की सफाई व्यवस्था के लिए तथा सफाई कर्मियों व निगम कर्मियों के वेतन के लिए जूझ रहे थे। उन्होंने दिल्ली सरकार से निगमों के अधिकार देने की मांग करते हुए राजनीति न करते हुए जनहित को सर्वोपरि रखने के लिए कहा। |
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