
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में अपनी दहशत फैलाने वाले आतंकी संगठन इस्लामिक
स्टेट (आईएसआईएस) कुछ दिनों में खुद-ब-खुद समाप्त हो जाएगा। उनके खिलाफ किसी भी
तरह के मिसाइल, बम, या गोलियां नहीं
चलानी पड़ेंगी, यह संगठन
अपने आप समाप्त हो जाएगा। इस संगठन पर ना तो गोलियां चलानी पड़ेंगी और न ही किसी बम
या मिसाइल का प्रयोग करना पड़ेगा। इंटरनेट पर एक समाचार के अनुसार इनको खत्म करेगा एक छोटा सा
कीड़ा। यह बात सुनकर आप हैरान हो सकते हैं लेकिन यह सच है। सीरिया में आईएस के
कब्जे वाले इलाके में एक लाख से ज्यादा लोग एक ऐसे वायरस का शिकार हो चुके हैं
जिन्हें धीरे-धीरे यह वायरस खा रहा है। इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के कहर से पूरी दुनिया परेशान है।
जिन्हे इस वायरस ने चुन-चुन कर मौत के घाट उतारना शुरू कर दिया है। इस वायरस से
होने वाली बीमारी का नाम लैसमैनियासिस है। यह कुष्ठ रोग यानी कोढ़ की बीमारी जैसा
ही है। इस बीमारी के चपेट में आने से इंसान की त्वचा सड़नी शुरू हो जाती है और
धीरे-धीरे व्यक्ति मौत की चपेट में आ जाता है। इस बीमारी से आईएस के अब तक एक लाख
लोग ग्रसित हो गए हैं जिनकी त्वचा सड़नी शुरू हो गई है। लैसमैनियासिस का वायरस पहले त्वचा की ऊपरी सतह को खाना शुरू
करता है। इलाज न कराने पर वायरस तेजी से फैलता है। फिर वायरस त्वचा के नीचे मांस
में भी फैल जाता है। एक बार वायरस के फैल जाने पर इलाज नामुमकिन हो जाता है। फिर
धीरे-धीरे पूरे शरीर को ये बीमारी लग जाती है। और इसके बाद आदमी तड़प-तड़पकर दम तोड़
देता है। वैसे इस बीमारी का इलाज शुरुआत में कराया जा सकता है लेकिन
आईएस के आतंकी इस बीमारी का इलाज ही नहीं कराना चाहते। सीरिया के रक्का में ऐसे
आतंकियों की बड़ी तादाद है। जो लैसमैनियासिस से पीड़ित होने के बावजूद इलाज नहीं करा
रहे। एक एनजीओ ने जब इन आतंकियों को उनकी बीमारी के बारे में समझाना और इलाज देना
चाहा तो इन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद उस एनजीओ के डॉक्टर इस्लामिक स्टेट को
छोड़कर चले गए। आपको बता दें कि लैसमैनियासिस का वायरस एक परजीवी होता है।
यानी उसे जिंदा रहने के लिए किसी ना किसी का सहारा चाहिए होता है। यही वजह है कि
ये बीमारी तेजी से फैल रही है। ये बीमारी एक खास तरह के कीड़े की वजह से इंसानों
में फैलती है। राहुल अग्रवाल |



